भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाज सुरेश रैना ने खुद को टीम से बाहर किए जाने को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद जब उन्हें टीम में जगह नहीं मिली तो काफी दुख हुआ। हालांकि अब मैं दोबारा टीम में आ गया हूं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। हिंदी न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में रैना ने कहा कि जब अच्छे प्रदर्शन के बाद भी मुझे टीम से बाहर कर दिया गया तो मुझे बहुत दुख हुआ। हालांकि अब मैंने यो-यो टेस्ट पास कर लिया है और काफी मजबूत महसूस कर रहा हूं। ट्रेनिंग के इन मुश्किल दिनों के दौरान भारतीय टीम की तरफ से खेलने के लिए मेरा जज्बा और मजबूत ही हुआ। रैना ने कहा कि मुझे यही नहीं रुकना है, जितना हो सके उतना मुझे भारत के लिए खेलना है। मुझे 2019 विश्व कप में खेलना है क्योंकि मुझे पता है कि मैंने इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी मेरे अंदर काफी क्रिकेट बाकी है और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचो में अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर मैं आश्वस्त हूं। रैना ने अपने उम्र के सवाल को लेकर कहा कि मैं 31 साल का हूं लेकिन उम्र के कोई मायने नहीं होते हैं। जिस दिन मेरे मैच के कपड़े मेरे पास आए मुझे वैसा ही लगा जैसे कि मैं डेब्यू करने जा रहा हूं। ये मेरे लिए काफी खास था। गौरतलब है रैना ने भारत के लिए आखिरी टी20 मैच पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और बेंगलुरु में खेले गए फाइनल मैच में उन्होंने 63 रनों की अहम पारी भी खेली थी। यो-यो टेस्ट में फेल होने की वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि टीम से बाहर रहने के दौरान उन्हें अपनी फैमिली का पूरा साथ मिला वो उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी। मैंने काफी सारा घरेलू क्रिकेट खेला और यो-यो टेस्ट पास करने पर जोर दिया। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु में मैंने काफी कड़ी मेहनत की। रैना ने कहा कि अपने करियर के दौरान वो काफी फिट रहे हैं लेकिन कभी-कभी चोट लगने की वजह से फिटनेस खराब हो जाता है। नंबर 4 के पोजिशन को लेकर रैना ने कहा कि वनडे क्रिकेट में इस स्थान पर बल्लेबाजी काफी मुश्किल होती है। ज्यादातर मौकों पर टीम विपरीत परिस्थितियों में होती है जब नंबर 4 का बल्लेबाज क्रीज पर आता है, खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए। मुझे लगता है कि नंबर 4 और 5 का क्रम मेरी बल्लेबाजी स्टाइल के लिए अनुकूल है। गौरतलब है भारतीय टीम नंबर 4 की पोजिशन पर कई बल्लेबाजों को आजमा चुकी है लेकिन कोई इस जिम्मेदारी को सही से निभा नहीं पाया है। नंबर 4 की समस्या टीम के लिए लंबे समय से बनी हुई है। मनीष पांडेय, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, अंजिक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाजों को इसके लिए आजमाया जा चुका है लेकिन इनमें से कोई सफल नहीं हो पाया है। सुरेश रैना इस पोजिशन के लिए बेहतर बल्लेबाज हो सकते हैं। उनके पास अनुभव है और उन्हें पता है कि इस पोजिशन पर किस तरह बल्लेबाजी की जाती है। अगर टी20 सीरीज में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो निश्चित तौर पर वनडे टीम में भी उनको जगह मिल सकती है। घरेलू श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करने और यो-यो टेस्ट पास करने के बाद उन्हें टीम में जगह मिली है। अब देखने वाली बात ये होगी कि वो इस मौके को किस तरह भुना पाते हैं। भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज अपने नाम कर ली है और अब उसकी निगाहें टी20 श्रृंखला पर होंगी। ऐसे में रैना जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन काफी मायने रखते हैं। 18 फरवरी को दोनों टीमों के बीच पहला टी20 मैच खेला जाएगा।