बड़ौदा टीम की कप्तानी से हटाए जाने और टीम से बाहर किए जाने के बाद ऑलराउंडर इरफान पठान निराश हैं। इरफान पठान क्रिकेट में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं और उन्हें नहीं पता है कि अब आगे क्या होने वाला है। वहीं पठान ने ये भी आरोप लगाया है कि उनको जानबूझकर टीम से बाहर किया गया है इसका क्रिकेट या उनके प्रदर्शन से कुछ लेना-देना नहीं है। गौरतलब है इरफान पठान को अच्छे प्रदर्शन के बावजूद रणजी ट्रॉफी के पहले 2 मैच के बाद टीम से बाहर कर दिया गया और उनको कप्तानी से भी हटा दिया गया। एक अग्रेंजी अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ये मेरे साथ पिछले 3 साल से हो रहा है। मैं इस सवाल का जवाब किसी दूसरे से नहीं बल्कि खुद से ही पूछ रहा हूं। मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन भी किया, नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए 80 रन बनाए और विकेट भी निकाले। गेंद मेरे बल्ले पर सही से आ रही थी और मैं फिट भी हू, फिर भी मुझे टीम से क्यों बाहर किया गया। पठान ने कहा कि बड़ौदा क्रिकेट संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि इस रणजी सीजन में मैं टीम का मेंटोर और कप्तान हूं। मैं खिलाड़ियों के खेल में सुधार लाउंगा। तो फिर सिर्फ 2 मैच के बाद ही सारी चीजें अचानक से कैसे बदल गईं। ये क्रिकेट का मामला नहीं हो सकता है। इरफान पठान ने कहा ' घरेलू क्रिकेट खेलना और उसमें अच्छा प्रदर्शन करना काफी मायने रखता है। अगर घरेलू मैचों में मौका नहीं मिला और ये सब चीजें होती रहीं तो पता नहीं आगे क्या होगा। मैंने हमेशा मैदान पर काफी मेहनत की है। मेरी गेंदबाजी और फिटनेस दोनों ही सही थे लेकिन अब आगे स्थिति सही नहीं लग रही है। हालांकि मुझे पता है कि सब कुछ यहीं नहीं खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मेरा मुख्य फोकस सीमित ओवरों का क्रिकेट है लेकिन मैं 4 दिनों का मैच भी खेलना चाहता हूं। इससे आपको अपना लय प्राप्त करने में काफी मदद मिलती है।