भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने अपने क्रिकेट करियर को लेकर बड़ी कही है। उन्होंने कहा है कि उनका प्रदर्शन अच्छा था, इसके बावजूद उन्हें ना तो टेस्ट टीम में जगह मिली और ना ही वनडे टीम में शामिल किया। इसके साथ ही आरपी सिंह ने ये भी कहा कि मैंने आईपीएल में काफी सारे विकेट चटकाए, इसके बावजूद कप्तान ने मेरे ऊपर भरोसा नहीं जताया।
पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में आरपी सिंह ने कहा कि परफॉर्मेंस के लिहाज से मैं टॉप पर था, इसके बावजूद टेस्ट और वनडे में मैं अपनी जगह नहीं बचा सका। मैंने आईपीएल में भी हिस्सा लिया और शायद वहां पर 3 या 4 सीजन मैं सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शुमार था। इसके बावजूद भी मुझे खेलने का मौका नहीं मिला, शायद कप्तान को मेरे ऊपर उतना भरोसा नहीं था या फिर हो सकता है कि मेरा प्रदर्शन वास्तव में खराब हो गया था। आरपी सिंह ने आगे कहा कि चयनकर्ताओं ने कभी भी मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया। जब मैंने टीम से बाहर किए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेहनत करते रहो, तुम्हारा टाइम आएगा।
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आपको बता दें कि आरपी सिंह ने अपने करियर में 14 टेस्ट, 58 वनडे और 10 टी20 मुकाबले खेले। वो 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे। इसके अलावा आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन काफी लाजवाब रहा है। उन्होंने 2009 के आईपीएल सीजन में सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे और पर्पल कैप अपने नाम किया था। उनकी टीम डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद ने उस सीजन का खिताब जीता था और आरपी सिंह का उसमें काफी बड़ा योगदान था।
अपने करियर के अलावा आरपी सिंह ने पूर्व कप्तान एम एस धोनी से अपने रिश्तों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि मैं और धोनी एक साथ काफी समय बिताया करते थे। इसके बाद वो कप्तान बन गए और उनका ग्राफ ऊपर उठता चला गया और मेरा नीचे चला गया। हालांकि इसके बावजूद हमारी दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ा और हम अब भी काफी बातें करते हैं।