पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को उनका नया अध्यक्ष मिल गया है। इमरान खान के करीब माने जाने वाले एहसान मनी बोर्ड के नए अध्यक्ष बने हैं और पदभार संभालते ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान का पक्ष भारत के मुकाबले कमजोर नहीं है और मैं भारत से हाथ नहीं जोड़ुंगा कि वो हमारे साथ आकर खेलें।
पदभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में एहसान मनी ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा था कि आईसीसी में पाकिस्तान का केस भारत से कमजोर है। मैंने कहा था कि इस मामले को सुलझाने के दो ही तरीके हैं। पहला टेबल पर बैठकर आपसी बातचीत के जरिए कोई हल निकाला जाए और दूसरा कानूनी कार्रवाई के जरिए। एहसान मनी ने कहा कि जब भारत ने साल 2004 में पाकिस्तान का दौरा किया था तब मैं आईसीसी का प्रेसिडेंट था। मुझे उनके बोर्ड और सरकार से बात करनी पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने मुझसे एक साल का समय मांगा था और एक साल बाद उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था। जगमोहन डालमिया के समय भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी अच्छे हुआ करते थे। अब हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू को बुलाकर अच्छा काम किया है।
एहसान मनी ने आगे कहा कि मैं भारत के सामने गिड़गिड़ाउंगा नहीं कि वो हमारे साथ आकर खेलें। उनकी पॉलिसी हमें समझ में नहीं आती है। वे कई देशों वाले टूर्नामेंट में तो खेलना चाहते हैं लेकिन द्विपक्षीय सीरीज में नहीं। पीसीबी के नए चीफ ने कहा कि अब मामला इतना आगे बढ़ चुका है कि इसे आपसी बातचीत के जरिए भी सुलझाया नहीं जा सकता है। अब कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही इसका समाधान हो सकता है।
आपको बता दें पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीमा पर हो रहे गोलीबारी और आंतकवादी गतिविधियों की वजह से भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज खेलने से मना कर दिया है। इस वजह से पाकिस्तान सीरीज रद्द होने से उसे जो घाटा हुआ है उसका मुआवजा चाहता है। वहीं भारत का साफ कहना है कि जब तक दोनों देशों के रिश्तों के बीच सुधार नहीं आएगा तब तक क्रिकेट संभव नहीं है। पाकिस्तान को पहले आतंकी गतिविधियों पर रोक लगानी होगी।