आईसीसी एक बार फिर चैंपियंस ट्रॉफी को अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर से हटाने का फैसला ले सकती है। 2013 में जब इंग्लैंड में भारत ने खिताब जीता था, तब ऐसा माना जा रहा था कि ये आखिरी चैंपियंस ट्रॉफी है। हालांकि इस साल एक बार फिर इंग्लैंड में ही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया और पाकिस्तान ने भारत को हराकर खिताबा पर कब्ज़ा किया। अब आईसीसी के सीईओ, डेव रिचर्डसन ने कहा है कि भारत में 2021 में होने वाले चैंपियन ट्रॉफी को हटाकर चार साल में दो वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट करवाने का फैसला लिया जा सकता है। टी20 क्रिकेट के बढ़ते हुए प्रभुत्व को देखते हुए आईसीसी का ये फैसला सही भी हो सकता है। डेव रिचर्डसन ने ये भो कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी एक तरह से विश्व कप की ही तरह है और 50 ओवर की क्रिकेट के दो बड़े टूर्नामेंट के कारण टीमों में अंतर करना मुश्किल है। साथ ही विश्व कप में चार सबसे अच्छी टीमों को सेमीफाइनल में जाने का मौका मिलता है और चैंपियंस ट्रॉफी की तरह एक खराब मैच या एक रद्द मैच, टूर्नामेंट को उतना प्रभावित नहीं करता है। अब इस बात पर फैसला लिया जाना है कि क्या चैंपियंस ट्रॉफी को हटाकर चार साल में 2 वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट का आयोजन सही रहेगा। हालांकि रिचर्डसन ने ये भी कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी भी अपने आप में महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और खासकर यूके में इसको काफी समर्थन मिलता है। इसी वजह से हम एकदम से नहीं कह रहे हैं कि अगला चैंपियंस ट्रॉफी होगा या नहीं, लेकिन इसकी संभावनाएं प्रबल हैं कि चार साल में 2 वर्ल्ड टी20 हों। वर्ल्ड टी20 के हर दो साल में होने पर एसोसिएट सदस्यों को भी काफी फायदा मिलेगा और आगे जाकर टूर्नामेंट में 16 से 20 टीमों को खेलने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा आईसीसी दो साल का टेस्ट लीग भी शुरू करने की तैयारी में है। इसमें टॉप की 9 टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलने के अलावा तीन निचले रैंकिंग वाली टीमों के साथ भी खेलेगी। टॉप 9 टीम और ज़िम्बाब्वे के अलावा अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैंड को टेस्ट खेलने का मौका मिल सकता है।