#4 कुलदीप यादव
भले ही भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 1932 में खेला था, उसके बावजूद 84 साल तक कोई भी बाएं हाथ का चाइनामैन गेंदबाज़ (बाएं हाथ का लेग स्पिन गेंदबाज़) टेस्ट टीम में शामिल नहीं कर पाया। उत्तर प्रदेश के कुलदीप यादव के आने से टीम इंडिया का ये सूखा भी ख़त्म हो गया। कुलदीप ने धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। उसके बाद से 23 साल का ये युवा खिलाड़ी सभी क्रिकेट फॉर्मेट के लिए टीम इंडिया का अहम सदस्य बन गया। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपने पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 4 विकेट लिए थे और सीरीज़ का चौथा मैच जीतने में टीम इंडिया की मदद की थी। इसी प्रदर्शन के बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2-1 से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी जीती थी। टेस्ट में शुरुआत करने के 3 महीने बाद उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कैरीबियाई ज़मीन पर अपना पहला वनडे मैच खेला था। कुलदीप ने 20.77 की औसत से 2 टेस्ट मैच में 9 विकेट हासिल किए थे। इसके अलावा 9 वनडे मैच में 19.75 की औसत से 16 विकेट और टी-20 में 18 की औसत से 3 विकेट लिए हैं। कुलदीप की सबसे ख़ास बात ये है कि वो वनडे में हैट्रिक लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज़ हैं। ये कारनामा उन्होंने कोलकाता के ईडन गार्डन्स में कंगारू टीम के ख़िलाफ़ सीरीज़ के दूसरे वनडे में किया था। अगर कुलदीप ये अवॉर्ड न भी जीत पाएं तो उनके पास 2018 में भी जीतने का मौक़ा मिलेगा बशर्ते वो इसी तरह का शानदार प्रदर्शन बरक़रार रखें।