अगर कुछ अड़चनों को छोड़ दें, तो भारतीय टीम हमेशा ICC प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करती आई है। 50 ओवर तथा 20 ओवर के साथ-साथ चैंपियंस ट्रॉफी भी आयोजन किया जाता है जिसमें टॉप की 8 टीमें हिस्सा लेती है और इसे मिनी विश्व कप भी कहा जाता है।
देश के लिए विश्वकप खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है पर चैंपियंस ट्रॉफी में भी हिस्सा लेना कोई छोटी बात नहीं है। विश्व ने एक से बढकर एक भारतीय खिलाड़ियों को इन प्रतियोगितों में जौहर दिखाते देखा है लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी जो इतने सौभाग्शाली नहीं है कि दोनों प्रतियोगिताओं का हिस्सा रहे हों।
आईये देखते है उन खिलाडियों को, जो विश्व कप में तो भारतीय टीम का हिस्सा थे पर चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाए:
मोहित शर्मा
हरियाणा के इस तेज गेंदबाज ने 4 साल पहले 2013 आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए 15 विकेट लेकर भारतीय टीम में जगह बनाई थी। ज़िम्बाब्वे के खलाफ 26/2 के साथ अपना पदार्पण किया। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी उन्हें मौका मिलने के लिए जल्दी हो जाता पर 2015 विश्वकप में उन्हें मौका मिला। जहाँ पाकिस्तान के खिलाफ मोहित ने 35/2 तथा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 31/2 का प्रदर्शन किया। उसके बाद मोहित ने 9 और विकेट लिए।
लेकिन विश्वकप के बाद मोहित का स्तर काफी नीचे गिरा और वो टीम से बाहर हो गये और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में मौका नहीं मिला।
रॉबिन उथप्पा
इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में करियर का आगाज करने वाले कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने सभी को प्रभावित किया और 2017 विश्वकप में अपनी जगह बनाई, लेकिन वहां वो बुरी तरह फेल हो गये और मात्र 30 रन ही बना पाए और भारत ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया।
आईपीएल और रणजी में अच्छे प्रदर्शन से उथप्पा ने कई बार टीम में जगह बनाने की कोशिश की और कुछ मौकों पर टीम से जुड़े भी लेकिन टीम के साथ निरंतर नहीं रह पाए। इसी वजह से पदार्पण के बाद से हुये तीन चैंपियंस ट्रॉफी में किसी में भी टीम में जगह पाने में असफल रहें।मोहम्मद शमी
शमी पिछले कुछ वर्षों से टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाज हैं। 2015 विश्वकप में शमी ने 17.29 की औसत तथा 4.81 की इकॉनमी से 17 विकेट हासिल किये। विश्वकप के 2 मैचों में शमी को 'मैन ऑफ़ द मैच' भी चुना गया।
विश्वकप के बाद से शमी लगातार चोट से जूझते रहे, इस दौरान उनके घुटने का ऑपरेशन भी हुआ। उसके बावजूद भी शमी ने आईपीएल में जबर्दस्त प्रदर्शन कर चैंपियंस ट्रॉफी टीम में जगह बनाई लेकिन बुमराह, उमेश यादव और भुवनेश्वर की वजह से अभी तक एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
पियूष चावला
चावला का पूरा कैरियर टीम में अंदर-बाहर होते हुए बीता है। 2007 में टीम में आने के बाद से चावला कभी भी टीम में निरंतर नहीं रह पाए। इस फिरकी गेंदबाज को 2011 विश्वकप के लिए टीम में चुना गया जहाँ चावला को सिर्फ एक ही मैच इंग्लैंड के खिलाफ ही खेलने का मौका मिला।
2012 में अंतिम बार टेस्ट टीम का हिस्सा रहने से आईपीएल और रणजी में उत्तरप्रदेश के लिए अच्छे प्रदर्शन के बाद भी चावला को दुबारा टीम में मौका नहीं मिला। जिस वजह से वो 2013 और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा नहीं बन पाए।
अजिंक्य रहाणे
भारतीय टेस्ट टीम का उपकप्तान होने के बाबजूद रहाणे को चैंपियंस ट्रॉफी के एकादश में मौका नहीं मिल पा रहा है। जिसकी बड़ी वजह सीमित ओवेरों के मैचों में उनके प्रदर्शन में निरन्तरता की कमी होना है।
आईपीएल और अभ्यास मैचों में भी रहाणे अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे और रोहित शर्मा की वापसी की वजह से जगह मिलने की बची उम्मीद भी खत्म हो गयी। रहाणे 2015 विश्वकप में टीम का हिस्सा थे लेकिन 34.6 की औसत से मात्र 204 रन ही बना पाए।
टेस्ट मैचों में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज होने के बावजूद रहाणे सीमित ओवर के मैचों में अभी तक टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए हैं। अभी चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ मैच बाकी है पर रहाणे को एकादश में जगह मिलना मुश्किल ही लगता है।