चावला का पूरा कैरियर टीम में अंदर-बाहर होते हुए बीता है। 2007 में टीम में आने के बाद से चावला कभी भी टीम में निरंतर नहीं रह पाए। इस फिरकी गेंदबाज को 2011 विश्वकप के लिए टीम में चुना गया जहाँ चावला को सिर्फ एक ही मैच इंग्लैंड के खिलाफ ही खेलने का मौका मिला। 2012 में अंतिम बार टेस्ट टीम का हिस्सा रहने से आईपीएल और रणजी में उत्तरप्रदेश के लिए अच्छे प्रदर्शन के बाद भी चावला को दुबारा टीम में मौका नहीं मिला। जिस वजह से वो 2013 और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा नहीं बन पाए।
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