ICC Champions Trophy: टूर्नामेंट में भारतीय टीम के पांच सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज

Rahul
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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में बांग्लादेश में हुई थी, जिसको पहले विल्स इंटरनेशनल कप और बाद में नॉकआउट कप के नाम से जाने जाना लगा था, लेकिन वर्ष 2002 में इसका नाम चैंपियंस ट्रॉफी रख दिया गया। इस टूर्नामेंट को क्रिकेट प्रेमी 'छोटा वर्ल्ड कप' भी बुलाते हैं, क्योंकि वर्ल्ड कप के बाद एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में आईसीसी का यह दूसरा सबसे बड़ा इवेंट होता है। भारतीय टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 2002 में ट्रॉफी को श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से जीता तो वर्ष 2013 में ख़िताब को अपने नाम किया था। चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी किया है। आईये स्पोर्ट्सकीड़ा की नजर से चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के पांच बल्लेबाजों द्वारा की गई बल्लेबाजी प्रदर्शन और आंकड़ो पर एक नजर डालते है। शिखर धवन चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में भारतीय टीम को विजेता बनाने में अहम किरदार निभाने वाले शिखर धवन ने उस टूर्नामेंट में 90.75 के बेहतरीन औसत से 363 रन बनाये थे। शिखर ने अपने पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक लगाया था और साथ ही वेस्टइंडीज के खिलाफ भी अगले मैच में एक और शतक लगाकर भारतीय टीम को टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार बना दिया था। आगे खेलते हुए पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ 48 रनों की पारी और फ़ाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 24 गेंदों पर 31 रन की तेज पारी के साथ धवन ने टीम को दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अपना योगदान दिया था। धवन को अपनी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब भी मिला था। वीरेंदर सहवाग virendra-sehwag-of-india-on-his-way-to-a-century-watched-by-alec-of-picture-id1426062-800 पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने भारत के लिए तीन चैंपियंस ट्रॉफी 2002, 2004, 2006 में शिरकत की थी। भारतीय टीम ने जहाँ 2002 का ख़िताब श्रीलंका के साथ साझा किया, तो वहीं 2004, 2006 में ग्रुप स्टेज तक ही टीम के सफ़र का अंत हुआ था। सहवाग ने तीनों चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी की, उन्होंने 10 मैचों में 48.62 के औसत से 389 रन बनाये थे। सहवाग ने चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे शानदार बल्लेबाजी 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच के दौरान की थी। जब भारतीय टीम 270 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी, सहवाग ने गांगुली के साथ टीम को ताबड़तोड़ शुरूआत दी और 104 गेंदों में 126 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी। सहवाग ने इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाये थे, हालंकि दाएँ हाथ के बल्लेबाज ने आगे खेली गई दोनों चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी प्रतिभा के अनुसार खेल नहीं दिखाया था। सचिन तेंदुलकर sachin-tendulkar-of-india-sweeps-past-mark-boucher-of-south-africa-picture-id1430771-800 भारतीय टीम में जब बल्लेबाजों की बात हो तो हम सचिन की बात करना नहीं भूल सकते। विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने चैंपियंस ट्रॉफी में औसत ही प्रदर्शन किया है, लेकिन उनका औसत प्रदर्शन टीम के लिए शानदार रहा है। 16 मैचों में सचिन ने 36.75 के औसत से 441 रन बनाए हैं। अपने वनडे करियर में 49 शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज ने चैंपियंस ट्रॉफी में केवल एक ही शतक बनाया है। उनके द्वारा बनाया गया एक मात्र शतक इतिहास के पन्नों में दर्ज है, 1998 के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में खेली गई 141 रनों की शतकीय पारी आज भी सभी को याद है। उनके शतक की बदौलत भारत का स्कोर 300 के पार गया और भारत ने मैच जीत कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। 2002 में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब पहली बार अपने नाम किया था। सचिन ने इस टूर्नामेंट में भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी। राहुल द्रविड़ rahul-dravid-of-india-in-action-during-the-icc-champions-trophy-picture-id1748793-800 भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ ने 6 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लिया है। 1998 से लेकर 2009 तक सभी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में द्रविड़ ने 19 मैच खेले और 48.23 के औसत से 627 रनों का योगदान दिया। राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम ने हर एक बल्लेबाजी पोजीशन पर इस्तेमाल किया है और उन्होंने हर बार अपने खेल को निखारा और टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया। द्रविड़ ने बल्लेबाजी के साथ विकेटकीपिंग में भी टीम के लिए योगदान दिया था। वह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में छठे नम्बर पर और भारत के लिए दूसरे नम्बर पर हैं। सौरव गांगुली sourav-ganguly-nairobi-2000-1495978012-800 पहली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली ने केवल 2 ही मुकाबले खेले थे और सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 83 रनों की शानदार पारी खेली थी। दूसरे चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में गांगुली को कप्तानी दी गई जहाँ उन्होंने नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों पर भरोसा जताया और अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम को फाइनल तक लेकर गए थे। गांगुली ने सेमीफाइनल और फ़ाइनल मुकाबलों में 2 लगातार शतक लगाये थे लेकिन भारत को फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। चैंपियंस ट्रॉफी 2002 में गांगुली ने एक बार फिर बल्लेबाजी से जलवा दिखाया और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद शतकीय पारी खेल भारतीय टीम को ख़िताब दिलाने में कामयाब हुए। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाये हैं, उन्होंने 13 मैचों में 73.88 के औसत से 665 रन बनाये। साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे अधिक छक्के (17) भी गांगुली के बल्ले से निकले हैं।