पहली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली ने केवल 2 ही मुकाबले खेले थे और सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 83 रनों की शानदार पारी खेली थी। दूसरे चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में गांगुली को कप्तानी दी गई जहाँ उन्होंने नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों पर भरोसा जताया और अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम को फाइनल तक लेकर गए थे। गांगुली ने सेमीफाइनल और फ़ाइनल मुकाबलों में 2 लगातार शतक लगाये थे लेकिन भारत को फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। चैंपियंस ट्रॉफी 2002 में गांगुली ने एक बार फिर बल्लेबाजी से जलवा दिखाया और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद शतकीय पारी खेल भारतीय टीम को ख़िताब दिलाने में कामयाब हुए। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाये हैं, उन्होंने 13 मैचों में 73.88 के औसत से 665 रन बनाये। साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे अधिक छक्के (17) भी गांगुली के बल्ले से निकले हैं।