पाकिस्तान की भारत पर 180 रनों की भारी जीत के साथ ही 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का समापन हो गया। रैंकिंग में सभी टीमों में नीचे वाली टीम ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और सबको चौंकते हुए ख़िताब पर अपना कब्ज़ा जमाया। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले सभी को ऊपर के रैंक वाली टीमों से काफी अच्छे प्रदर्शन उम्मीदें थी लेकिन एक-एक कर सभी टीमें बाहर होती गयी। इन टीमों के प्रतियोगिता से बाहर होने कि वजह उन खिलाड़ियों का निराशाजनक प्रदर्शन करना था जिनसे सभी को उम्मीदें थी। आईये उन्हीं कुछ खिलाड़ियों के बारे में बात करते है, जो अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। एबी डीविलियर्स वर्तमान में डीविलियर्स की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजो में कि जाती है। खेल के तीनों प्रारूपों में उनका खेल जबरदस्त रहता है। इसी वजह से सभी को उम्मीद तजी कि कप्तान डीविलियर्स इस बार अपनी टीम को विजेता बनायेंगे। अपने पहले मैच में तो टीम ने बड़ी आसानी से श्रीलंका का हरा दिया लेकिन अगले दोनों मैचों में पाकिस्तान और भारत से हारकर दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गयी। तीनों मैचों को मिलाकर सिर्फ 6.66 कि औसत से डीविलियर्स ने मात्र 20 रन बनाये और जिसका असर उनकी टीम के प्रदर्शन पर भी दिखा और टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुची। उनका यह प्रदर्शन यह सवाल खड़े करता है कि क्या डीविलियर्स कभी बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे भी या नहीं? रविचंद्रन अश्विन पिछले कुछ समय से भारत की जीत में अश्विन का काफी अहम योगदान रहा है। अपनी स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी कि दम पर अश्विन ने कई बार टीम को जीत तक लेकर गये। सभी को अश्विन से इस बार भी इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन वो अपनी छाप छोड़ने में विफल रहे। जहां उन्हें पहले के दो मैचों में टीम में ही जगह नहीं मिली। जब जगह मिली तो भी उनका प्रदर्शन नाम के अनुरूप नहीं था। पूरी प्रतियोगिता में अश्विन एक-एक विकेट के लिए तरसते रहे। पुरे सीरीज में अश्विन 167 रन खर्च करके सिर्फ 1 ही विकेट हासिल कर पाए। जबकि फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 10 ओवरों में अश्विन ने बिना विकेट लिए 70 रन खर्च कर दिए। जेसन रॉय इस चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड के लिए कुछ खराब घटा है तो वह जेसन रॉय का फॉर्म रहा है। ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए मशहूर रॉय एक भी मैच में अपने नाम में अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। 2015 विश्वकप के समय से ही इंग्लैंड के लिए निरंतर प्रदर्शन करने वाले रॉय ने अपने खेल के दम पर टीम में अपनी अलग पहचान स्थापित की है लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के 3 मैचों में रॉय सिर्फ 18 रन ही बना सके जिस वजह से उन्हें सेमीफाइनल में टीम से बाहर भी कर दिया गया। मोइसिस हेनरिक्स हेनरिक्स ऑस्ट्रेलियन टीम में एक ऑल-राउंडर की हैसियत से शामिल किये गये थे, लेकिन इंग्लैंड उनके लिए कुछ ज्यादा ही मुश्किल साबित हुआ। जिस वजह से ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी। अपने 3 मैचों में हेनरिक्स सिर्फ 35 रन ही बना पाए और 11 ओवेरों कि गेंदबाजी में 1 विकेट लेने में ही सफल हुए। अगर ऐसा ही प्रदर्शन रहा तो हेनरिक्स जल्द ही टीम में अपनी जगह खो देंगे। ऑस्ट्रेलिया को नवम्बर में एशेज खेलना है अब देखना होगा क्या हेनरिक्स उस टीम का हिस्सा होते हैं या नहीं? मार्टिन गप्टिल गप्टिल को विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है, जो अपने प्रदर्शन के बूते किसी भी मैच का रुख बदल सकते हैं। न्यूज़ीलैण्ड के लिए गप्टिल हमेशा से मैच जिताऊ प्रदर्शन करते आये हैं, लेकिन इस चैंपियंस ट्रॉफी में उनका बल्ला पूरी तरह शांत रहा। तीन मैचों में वे मात्र 85 रन ही बना पाए, जिसमें 26, 27 और 33 का स्कोर शामिल था। न्यूज़ीलैंड के सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो जाने में गप्टिल के प्रदर्शन का भी काफी हाथ रहा है। उनका यह प्रदर्शन उनके नाम के अनुरूप बिलकुल नहीं रहा।