पिछले कुछ समय से भारत की जीत में अश्विन का काफी अहम योगदान रहा है। अपनी स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी कि दम पर अश्विन ने कई बार टीम को जीत तक लेकर गये। सभी को अश्विन से इस बार भी इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन वो अपनी छाप छोड़ने में विफल रहे। जहां उन्हें पहले के दो मैचों में टीम में ही जगह नहीं मिली। जब जगह मिली तो भी उनका प्रदर्शन नाम के अनुरूप नहीं था। पूरी प्रतियोगिता में अश्विन एक-एक विकेट के लिए तरसते रहे। पुरे सीरीज में अश्विन 167 रन खर्च करके सिर्फ 1 ही विकेट हासिल कर पाए। जबकि फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 10 ओवरों में अश्विन ने बिना विकेट लिए 70 रन खर्च कर दिए।
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