आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का आगाज हो चुका है। वर्ल्ड कप के बाद चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट का दूसरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 1998 में हुई थी, तब इसका नाम आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी होता था। इसके बाद साल 2002 में इसका नाम बदलकर चैंपियंस ट्रॉफी कर दिया गया। तब से ये टूर्नामेंट आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से खेला जाता है जिसमें दुनिया की 8 बेस्ट वनडे टीमें हिस्सा लेते हैं। 8 बेस्ट टीमों के बीच मुकाबला होने की वजह से इसमें मैच काफी रोमांचक और अच्छे होते हैं। कई सारे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट से निखरकर बाहर निकले हैं। लेकिन कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जो ये प्रतिष्ठित टूर्नामेंट सिर्फ एक बार खेल पाए । आइए जानते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने सिर्फ एक बार चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लिया। 1.हेंसी क्रोनिए आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी का आयोजन सबसे पहले 1998 में हुआ था और ये पहली मर्तबा था जब सभी टेस्ट खेलने वाली टीमें वर्ल्ड कप के अलावा इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहीं थीं। हेंसी क्रोनिए की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने सबसे पहले इस टूर्नामेंट को जीता था। इसके बाद प्रोटियाज अब तक आईसीसी का कोई टूर्नामेंट नहीं जीत पाए हैं। साउथ अफ्रीका ने पहला मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और आसानी से 283 रनों के लक्ष्य का पीछा कर जीत हासिल की थी। सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को बुरी तरह से हरा दिया और फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को हराकर उन्होंने टूर्नामेंट जीता। पूरे टूर्नामेंट में क्रोनिए ने अपनी टीम की शानदार कप्तानी की और 148 रन भी बनाए। फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 61 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली थी। उन्होंने जितने भी रन बनाए थे वो लगभग 91 की स्ट्राइक से बनाए थे जो कि उस जमाने के हिसाब से काफी अच्छी थी। क्रोनिए काफी अच्छे कप्तान साबित हुए लेकिन अपने करियर में वो मात्र एक ही चैंपियंस ट्रॉफी खेल पाए। 2. जॉर्ज बेली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जॉर्ज बेली मैदान पर हमेशा कूल रहते हैं। उसी अंदाज में वो शॉट भी लगाते हैं। वो वनडे और टी-20 मैचो में ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं। 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने 2 लगातार अर्धशतक लगाए थे। बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ 55 और फिर उसी मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 55 रन बनाए थे। रिकी पोटिंग के अलावा बेली दूसरे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान हैं जिन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में 2 लगातार शतक जड़े। 2013 में शानदार प्रदर्शन के बाद वो आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर 2 पर भी पहुंचे थे। लेकिन इस चैंपियंस ट्रॉफी में वो कंगारू टीम का हिस्सा नहीं हैं। 3. एस श्रीसंथ तेज गेंदबाज एस श्रीसंथ ने भारत के लिए 53 वनडे मैच खेले। इसके अलावा 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का वो हिस्सा भी रहे। लेकिन वो महज एक ही चैंपियंस ट्रॉफी का ही हिस्सा रहे। 2006 की चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में पहले उनका नाम नहीं था लेकिन तेज गेंदबाज अजीत अगरकर के टूर्नामेंट के बीच में चोटिल हो जाने की वजह से उन्हे मौका मिल गया। हालांकि श्रीसंथ को सिर्फ एक मैच में ही खेलने का मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मात्र मैच में उन्होंने 2 विकेट चटकाए। भारतीय टीम हालांकि ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। 4. मुरली विजय टेस्ट मैचों के सबसे बेहतरीन प्लेयर मुरली विजय वनडे क्रिकेट में अपनी उतनी छाप नहीं छोड़ पाए। क्रीज पर लंबे समय तक टिकने और धैर्य के साथ खेलने की क्षमता उनके अंदर काफी है। टेस्ट मैचों में अच्छे प्रदर्शन के बाद उनका चयन 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हुआ। हालांकि वो मौके का पूरा फायदा नहीं उठा सके और वॉर्म अप मैचो में रन नहीं बना पाए। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच 2015 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ खेला था। इस चैंपियंस ट्रॉफी में वो टीम का हिस्सा नहीं हैं। 5. यूसुफ पठान टी-20 मैचो में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर यूसुफ पठान सुर्खियों में आ गए और उन्हें 2009 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला। हालांकि यूसुफ पठान को सिर्फ एक मैच में ही बल्लेबाजी करने का मौका मिला। भारत और पाकिस्तान के बीच हाईवोल्टेज मुकाबले में उन्हें बल्लेबाजी का मौका मिला। लेकिन यूसुफ पठान ये मौका भुना नहीं पाए और 10 गेंदो पर महज 5 ही रन बना पाए। 2009 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद यूसुफ पठान टीम इंडिया से बाहर हो गए। हालांकि आईपीएल में उनकी शानदार बल्लेबाजी जारी रही लेकिन भारतीय टीम में उनकी वापसी नहीं हुई। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। अभी तक वो भारतीय टीम के लिए 57 वनडे मैच खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 1365 रन बनाए हैं। लेखक-उमैमा सईद अनुवादक-सावन गुप्ता