आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ वॉर्म-अप मैच जीतकर चैंपियंस ट्रॉफी के अभियान की शुरुआत शानदार तरीके से की है। गतविजेता भारतीय टीम इस चैंपियंस ट्रॉफी में अपने ख़िताब को बचाने के इरादों से मैदान में उतरेगी। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में विश्व की सर्वश्रेष्ठ 8 टीमें हिस्सा ले रही है। इस टूर्नामेंट का आगाज़ 1 जून को इंग्लैंड और बांग्लादेश के मैच के साथ होगा। विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम अपना पहला मैच चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ 4 जून को खेलेगी, उसके बाद 8 जून को श्रीलंका से दूसरा मुकाबला होगा और ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 11 जून को होगा। भारतीय टीम बेहद मजबूत और संतुलित नजर आ रही है। आईये आपको हम बताते हैं कि किन पांच कारणों से भारत 2013 में जीते हुए ख़िताब को बचाने में कामयाब हो पाएगी: इंग्लैंड में भारतीय टीम का प्रदर्शन पिछले पांच साल में भारतीय टीम ने इंग्लैंड की धरती पर 9 वनडे मैच खेले है, जिनमें उन्होंने 8 में जीत हासिल की है। सभी टीमों के मुकाबले भारतीय टीम का प्रदर्शन पिछले पांच सालों में इंग्लैंड में सबसे अच्छा रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में बिना किसी हार के साथ टीम ने ख़िताब को अपने नाम किया था, उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ 5 वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय टीम ने 3-1 से जीत हासिल की थी। हाल ही में हुई इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। अपने पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए भारतीय टीम भी चाहेगी की वह मैदान में उम्दा खेल दिखाए और एक बार फिर से इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी को अपने नाम करे। अनुभवी बल्लेबाज भारतीय टीम वर्षों से अपनी बल्लेबाजी ताकत से जानी जाती है। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भी भारतीय टीम के पास अनुभवी बल्लेबाज हैं। पहले छह बल्लेबाजों में शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, एम एस धोनी और दिनेश कार्तिक के होने से भारत विश्व की किसी भी टीम की बल्लेबाजी लाइन-अप से मजबूत दिखाई देता है। सलामी बल्लेबाजों ने पिछले टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। विराट कोहली मौजूदा समय में विश्व के सबसे महान बल्लेबाज बन चुके हैं। धोनी, कार्तिक और युवराज के पास 10 साल से ज्यादा का बल्लेबाजी का अनुभव है। इंग्लैंड में पिच बल्लेबाजों के अनुकूल दिखाई दे रही है। भारतीय टीम के बल्लेबाजों को देखते हुए लग रहा है कि वह किसी भी लक्ष्य को आसानी के साथ प्राप्त कर सकते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भी भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत उसकी बल्लेबाजी होगी। बड़े मौकों का फायदा उठाने की लगन इस सदी की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने हर एक आईसीसी टूर्नामेंट में अपने खेल की प्रतिभा को उभारा है और उम्दा प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम में कई ख़िलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जो बड़े टूर्नामेंट में टीम के लिए बहुत अच्छा करते हैं और टूर्नामेंट को जिताने का भी दम रखते हैं। कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड कप 2015 में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। भारतीय टीम के अहम ख़िलाड़ी में से एक अश्विन, जडेजा और धवन ने इन मौकों पर का फायदा उठाया है और अपने प्रदर्शन को दर्शाया है। यह ख़िलाड़ी 'बड़े टूर्नामेंट के बड़े ख़िलाड़ी' माने जाते हैं। भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में एक बार फिर से चैंपियन,इन्हीं बड़े खिलाड़ियों की लगन और दम पर बन सकती है। कप्तान कोहली के लिए पहला बड़ा टूर्नामेंट टेस्ट मैच में सफल कप्तान बनने के बाद विराट कोहली को भारतीय टीम की सीमित ओवरों की कप्तानी भी सौंप दी गई थी। वनडे में कोहली ने भी अपने आप को कप्तानी में साबित किया है, लेकिन उनके सामने कप्तानी के तौर पर चैंपियंस ट्रॉफी जैसा टूर्नामेंट विराट चुनौती बन कर सामने खड़ा है। कप्तान कोहली पहली बार आईसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट में कप्तान के तौर पर भाग लेने जा रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले आईपीएल में उनका प्रदर्शन बल्लेबाजी में औसत और कप्तानी में खराब रहा था, लेकिन कोहली जब भी भारत के लिए कप्तानी करने उतरते हैं तो वह एक नए जोश के साथ अपनी टीम का नेतृत्व करते हैं। संतुलित और बेहतरीन तेज गेंदबाजी विश्व के किसी बड़े टूर्नामेंट में पहली बार भारतीय टीम का गेंदबाजी अटैक सबसे मजबूत दिखाई दे रहा है। मजबूत बल्लेबाजी के साथ भारतीय टीम की गेंदबाजी भी बहुत संतुलित नजर आ रही है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव के पास पेस के साथ बेहतरीन नियंत्रण है तो जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार पारी की शुरुआत और अंत में सबसे शानदार गेंदबाज हैं। इन सभी गेंदबाजों ने आईपीएल में भी उम्दा प्रदर्शन किया है और तेज गेंदबाजों के साथ ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के तौर पर भारत के पास तेज गेंदबाजी का पांचवा विकल्प भी है।