इंग्लैंड की ऑस्ट्रेलिया पर जीत के साथ ही बांग्लादेश ने चैंपियंस ट्राफी के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। भले ही बरसात भी इसकी एक वजह रही है पर यह भी नहीं नकारा जा सकता कि बांग्लादेश अपने दम पर न्यूज़ीलैण्ड को धूल चटाकर तथा इंग्लैंड के गेंदबाजों के छक्के छुड़ा कर यहाँ तक पहुचीं है। अब उनका सामना भारतीय टीम से होगा, जो दक्षिण अफ्रीका को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची है। दोनों टीमों की बात करें, तो ज्यादातर मौकों पर भारत का पलड़ा भारी रहा है पर बांग्लादेश भी समय समय पर उलटफेर करती रही है फिर चाहे ICC मुकाबले हो या द्विपक्षीय सीरीज। पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश क्रिकेट काफी तेजी से उपर बढ़ रहा है। आईये अब देखते हैं 15 जून को होने वाले सेमीफाइनल में क्यों भारतीय टीम को बांग्लादेश को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अभी तक का अच्छा सफर बंगलदेश का इस चैंपियंस ट्रॉफी का सफर अनुमान से कही ज्यादा बेहतर रहा है । पहले मैच में भले ही इंग्लैंड ने लक्ष्य हासिल कर लिया पर उनके बल्लेबाजों ने क्रिस वोक्स, मार्क वुड, जैक बेल जैसे गेंदबाजों के सामने 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा कर दिया था । वे भले ही ऑस्ट्रेलया के सामने विफल हो गये लेकिन न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ एक सराहनीय जीत दर्ज की। बांग्लादेश हमेशा से अनिश्चिताओं से भरी टीम रही है, जिसका ध्यान भारत को सेमीफाइनल में रखना होगा। सुसज्जित बल्लेबाजी क्रम बांग्लादेश की बल्लेबाजी काफी पटरी पर है। पिछले 24 महीनों में तमीम इकबाल और सौम्य सरकार की सलामी जोड़ी ने शुरुआत में लगातार अच्छी नींव रखी है। 2015 में घरेलू सीरीज से ही दोनों जबरदस्त खेल रहे हैं तथा उसी वर्ष भारतीय गेंदबाजों को भी धोया था। 2015 से खेली 36 पारीयों में तमीम इकबाल ने 53.18 की औसत से 1702 रन बनाये हैं। उनके बाद तीसरे नंबर पर शब्बीर रहमान, फिर मुस्फिकुर रहमान और महमुदुल्लाह ,आते हैं जो जबरदस्त खेल दिखा रहे हैं। मुस्फिकुर की इंग्लैंड के खिलाफ तथा महमुदुल्लाह की न्यूज़ीलैण्ड के विरुद्ध 102* की पारी जिसने मैच का पासा पलट दिया। शाकिब अल हसन शाकिब अल हसन खेल के तीनों प्रारूपों में बांग्लादेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं । उनके ऑलराउंड खेल के दम पर ही बांग्लादेश की गाड़ी आगे बढ़ती है । आईपीएल, काउंटी क्रिकेट, बिग बैस, कैरिबियन लीग में कदम जमाने के कारण उन्हें हर माहौल में खेलने का अनुभव प्राप्त है। महमुदुल्लाह के साथ शाकिब की 224 रन की भागीदारी न सिर्फ उन्हें जीत तक ले गयी बल्कि बांग्लादेश द्वारा किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी बना दिया। मैदान पर उनका आक्रामक रवैया हमेशा बना रहता है। बल्लेबाज़ी के अलावा गेंदबाजी से भी वो बांग्लादेश टीम की मदद करते है। भारत को इस 30 वर्षीय खिलाड़ी के खिलाफ खास तैयारी करनी पड़ेगी। संभला हुआ गेंदबाजी आक्रमण पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश की गेंदबाजी काफी मजबूत हो गयी है। मुस्ताफिजुर, मशरफे मोर्तजा की चोट के बाद वापसी, शाकिब का अनुभव और रूबेल हसन और तस्कीन अहमद उनकी गेंदबाजी को काफी मजबूती देती है। 2015 के भारत के बांग्लादेश दौरे में 3 मैचों में 13 विकेट लेकर मुस्ताफिजुर ने अन्तरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। कोई भी भारतीय बल्लेबाज उसे समझ नहीं पा रहे थे खासकर रोहित शर्मा, जो तीनों मैचों में मुस्ताफिजुर का शिकार हुए। आईपीएल में दो साल हैदराबाद टीम में खेल कर उन्हें भारतीय बल्लेबाजों को और पास से समझ लिया है। पुराना रिकॉर्ड बांग्लादेश हमेशा से उलटफेर करते आई है । 2015 की सीरीज में भी उसने भारत को 2-0 से हरा पहली बार भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में जीत हासिल की। 2007 में विश्व कप में भारत पर बांग्लादेश की जीत को कौन भूल सकता है। वह अभी तक के ICC के टूर्नामेंट के सबसे बड़े उलटफेर में से एक है। भारतीय कप्तान कोहली जरुर लक्ष्य का पीछा करना चाहेंगे, जैसा इस टूर्नामेंट में होता आया है। भारत ने कुल मिलाकर कुल चार वनडे मैच बांग्लादेश के खिलाफ गंवा दिए हैं, जिनमें से तीन का पहले बल्लेबाजी करते हुए हारी है। कोहली और उनकी टीम को जरूरत है की बांग्लादेश को हल्के में न ले।