पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने चैम्पियंस ट्रॉफी के अंतिम ग्यारह खिलाड़ियों को लेकर अपनी राय बताई है। उन्होंने अजिंक्य रहाणे के स्थान पर युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी को टीम में शामिल करने के बारे में भी बयान दिया है। उनकी नजर में ये दोनों ही खिलाड़ी भारत के नजरिये से काफी अहम है क्योंकि यह टीम खिताब की रक्षा करने के उद्देश्य से टूर्नामेंट में आई है। क्लार्क ने एक निजी भारतीय चैनल से बात करते हुए कहा कि युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण भारतीय टीम के लिए काफी जरुरी है। गौरतलब है कि पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा था कि धोनी और युवराज अब पहले जैसे फिनिशर नहीं रहे हैं, इसके बाद क्लार्क ने अपना नजरिया इन दोनों खिलाड़ियों को लेकर बताया। युवराज ने चोट की वजह से न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ हुए अभ्यास मैचों में हिस्सा नहीं लिया था और पाकिस्तान के खिलाफ चैम्पियंस ट्रॉफी के पहले मैच में भी उनके खेलने की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। आईपीएल में महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म भी अधिक अच्छी नहीं रही थी लेकिन कोहली ने कहा था कि टीम में पूर्व कप्तान की काफी अहमियत है। अनुभव की बात करते हुए क्लार्क ने कहा कि टीम के लिए इन दोनों खिलाड़ियों के खड़े रहने की सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि आईपीएल में खेलने के बाद धोनी का चैम्पियंस ट्रॉफी वाली भारतीय टीम में खेलना जरुरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि धोनी अभी भी मैच जीतने की क्षमता रखते हैं। क्लार्क की बातों का श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में कोहली के लिए धोनी का भरपूर समर्थन है, वहीँ राइजिंग पुणे सुपरजायंट में भी उन्होंने स्टीव स्मिथ का अच्छा सहयोग किया है। उनके अनुसार धोनी ने कीपिंग और बल्लेबाजी दोनों विभागों से अपनी टीम में योगदान दिया है। भारतीय टीम को चैम्पियंस ट्रॉफी में अपना अभियान शुरू करने के लिए 4 जून को एजबेस्टन में पाकिस्तान के खिलाफ भिड़ना है और इसी मैच से टूर्नामेंट में उनकी आगे की दिशा तय होगी।