दक्षिण अफ्रीका ने पिछले दो दशकों से एक भी अंतर्राष्ट्रीय ट्रॉफी अपने नाम ना की हो लेकिन इस बार 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में ये टीम खिताब जीतने वाली प्रबल टीम मानी जा रही है। विश्व में इस वक्त दक्षिण अफ्रीका के पास सबसे ताकतवर और संतुलित खिलाड़ी मौजूद हैं और उन में से कुछ खिलाड़ी शानदार फॉर्म में हैं। उनके पास इस टूर्नामेंट में ना सिर्फ वनडे रैंकिंग में नम्बर वन बल्लेबाज और गेंदबाज हैं, बल्कि आईसीसी रैंकिंग के टॉप-10 में शुमार 3 बल्लेबाज और वनडे रैंकिंग में नम्बर दो पर मौजूद गेंदबाज भी हैं। हालांकि वो इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज 1-2 से हार चुके हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल के लिए वो फेवरेट माने जा रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में दक्षिण अफ्रीका के अभियान की आगाज 3 जून को लंदन के ओवर मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ होगा। चैंपियंस ट्रॉफी के आठवें संस्करण के लिए एबी डीविलियर्स की संभावित प्लेइंग 11 ये है: ओपनर क्विंटन डी कॉक इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने फिंगर इंजरी की वजह से आईपीएल को भले ही मिस किया लेकिन ये चोट उन्हें उसी टीम में शामिल होने से नहीं रोक पाई जहां उन्होंने टूर मुकाबले और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज छोड़ी थी ताकि वो वहीं से इस अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए तैयार हो सके। 24 वर्षीय विकेटकीपर ने खुद को हर फॉर्मेट में साबित किया है, खासतौर पर वनडे फॉर्मेट के टॉप ऑर्डर में जहां 2016 के शुरुआत से उनकी औसत 50 से ज्यादा की रही है। उन्होंने टॉप पर एक मजबूत संयोजन का गठन किया है और टूर्नामेंट में सबसे अधिक विस्फोटक बल्लेबाजी का स्तर सेट किया है। हाशिम अमला करियर के शुरुआत में, हाशिम के खेल का अंदाज ऐसे लगता था जैसे डिजिटल घड़ी के दौर में कोई एनालोग घड़ी इस्तेमाल कर रहा हो। लेकिन वक्त के साथ, अमला ने अपने खेल से ये साबित किया कि वो चाहे कोई भी घड़ी पहने वो सिर्फ वक्त देखने के लिए है उससे उनके खेल का कोई लेना देना नहीं। हाल ही में हुई इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीफ के आखिरी मैच में, अमला ने सबसे तेज 7000 रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ डाला और ये कारनामा उन्होंने अपनी 150वीं पारी में कर डाला। प्रोटियाज टीम अब यही दुआ कर रही होगी कि जिस तरह 34 वर्षीय इस बल्लेबाज ने आईपीएल और इंग्लैंड के खिलाफ शानदार फॉर्म दिखाई वैसी ही बेहतरीन फॉर्म चैंपियंस ट्रॉफी में भी कायम रहे। मध्यक्रम फाफ डू प्लेसिस कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें जब ज्यादा जिम्मेदारी दी जाती है तो उनकी प्रतिभा और भी निखर कर सामने आती है फाफ डू प्लेसिस इसका सटीक उधाहरण हैं। टेस्ट कप्तानी की सफलता के बाद वो और भी मजबूत हुए लेकिन वनडे में जब उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी देते हुए नम्बर तीन पर बल्लेबाजी के लिए बुलाया गया, तब उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखने को मिला। 2013 से, एक वनडे कैलेंडर वर्ष में उनकी औसत 50 से सिर्फ एक बार ही नीचे गई वो भी 2016 में उनकी औसत 48 पर पहुंची थी। शुरुआती तीन सालों में फाफ डू प्लेसिस वनडे बल्लेबाज के तौर पर एक भी शतक नहीं लगा पाए, लेकिन पिछले चार सालों में उन्होंने 8 सेंचुरी जड़ी और वो भी नम्बर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए जहां उन्होंने 52 के औसत से 3000 रन भी बनाए। एबी डीविलियर्स एबी डीविलियर्स के बारे में कुछ भी बताने की जरुरत नहीं है क्योंकि उनके बारे में सब बखूबी जानते हैं। साउथ अफ्रीका का ये सुपरस्टार बल्लेबाज अपने युग का वनडे क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं लेकिन पिछली दिनों हुई कुछ इंजरी की वजह से इसका असर उनके खेल पर जरुर दिखाई दिया है। एक कैलेंडर वर्ष में 2008 के बाद पहली बार 2016 में एबी डीविलियर्स की औसत 50 से नीचे गई है, जिसकी वजह मुख्यतौर पर उनकी इंजरी रही। 2017 में, अब तक इस विस्फोटक बल्लेबाज ने करीब 70 की औसत से 550 रन जड़ दिए हैं जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 106 रहा है। 1998 के बाद अब पहली बार प्रोटियाज अपने कप्तान से उम्मीद कर रहे हैं कि वो उन्हें एक बड़ा खिताब जिताएं। डेविड मिलर आईपीएल 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब ने जरुर डेविड मिलर को ड्रॉप किया हो लेकिन 2016 से जिस शानदार फॉर्म में मिलर है वो लाजवाब है। उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में तीन पारियों में दो अर्धशतक जड़ें हैं। उन्होंने से कई बार साबित किया हैं कि वो एक ऐसे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं जो एक मैच विनर खिलाड़ी हैं, 2016 और 2017 में वनडे मैचों में उन्होंने इन दोनों मौकों पर 69 की बेहतरीन औसत से रन बनाए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 110 रहा था। ऑल राउंडर्स जेपी डूमिनी क्विंटन डी कॉक की तरह ही उनके दिल्ली डेयरडेविल्स के साथी ने भी इस बार आईपीएल को मिस किया है। इसकी पीछे की सही वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है, 1998 के बाद पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय खिताब को जीतने की उम्मीद कर रहे प्रोटियाज के लिए डूमिनी एक अहम खिलाड़ी हैं। पिछले कुछ सालों में 30 ओवर के आसपास वो निरंतर औसतन प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन बल्लेबाजी के साथ-साथ वो एक ऑफ स्पिनर के तौर पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं, जो अहम मौकों पर विकेट चटकाना जानता है। क्रिस मोरिस वो एक चीज जो हर टीम अपने पास रखना चाहती है, वो है एक ऐसा ऑलराउंडर जो बल्ले और गेंद दोनों से कमाल करना जातना हो। इंग्लैंड के पास बेन स्टोक्स हैं जबकि दूसरी टीम साउथ अफ्रीका है जिसके पास दोनों डिपार्टमेंट में दम दिखाना वाला खिलाड़ी क्रिस मोरिस मौजूद है। वनडे मुकाबलों में पारी की शुरुआत में नई गेंद को स्विंग कराने की कला और डेथ ओवर्स में अपने यॉर्कर्स और विविधता के साथ गेंदबाजी करना मोरिस का खास हुनर है। इसके अलावा बल्ले से गेंद को मैदान के किसी भी कोने में पहुंचाना भी मोरिस अच्छे तरीके से जानते हैं। तेज गेंदबाज वेन पार्नेल वेन पार्नेल को करियर के शुरुआती दौर में चोटों और अनियमितताओं की वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी, लेकिन 2016 के आगाज से उन्होंने अपने सारे पिछले वादे पूरे किए। उन्होंने 17 वनडे मुकाबलों में 6 से कम की इकॉनमी के साथ 29 विकेट झटके और ये साबित किया कि नई गेंद के लिए वो रबाडा के सही साथी हैं। वेन बल्ले से भी प्रहार करने में माहिर हैं इसलिए वो प्रोटियाज टीम के लिए एक अहम हथियार हैं। कगिसो रबाडा इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में 7 विकेट लेने वाले रबाडा को फाइनल मुकाबले में मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया और जिसकी मदद से वो चैंपिंयस ट्रॉफी में वनडे रैंकिंग में विश्व के नम्बर वन गेंदबाज के तौर पर हिस्सा लेंगे। डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल की अनुपस्थिति में रबाडा प्रोटियाज टीम की गेंदबाजी का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हो गए हैं। अंदिले फेहलुकवायो भले ही डेल स्टेन को नहीं चुना गया और मोर्ने मोर्कल टीम में शामिल हों लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में तीसरे तेज गेंदबाज के स्लॉट के लिए आदिले फेहलुकवायो को मौका मिलने के पूरे आसार हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि जब से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया है वो बेहतरीन फॉर्म में हैं बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने मोर्ने मोर्कल की तुलना में ज्यादा मुकाबले खेले हैं। स्पिनर इमरान ताहिर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हुए टीम के ऐलान के बाद हर कोई अनकैप्ड केशव महाराज का नाम सुनकर हैरान था, क्योंकि तबरेज शम्सी खुद को स्थापित कर चुके थे। इस विचित्र चयन के बावजूद हर कोई ये सोच रहा है कि साउथ अफ्रीका की ओर से फ्रंट लाइन स्पिनर कौन होगा। हालांकि उन्हें वनडे रैंकिंग के शीर्ष गेंदबाज से रिप्लेस किया जा सकता है, इमरान ताहिर के हुनर पर कोई संदेह नहीं है चाहे बात क्रिकेट के सीमित ओवर के खेल की हो। लेग स्पिनर गेंदबाज के पास गेंदबाजी में विविधता है और कई ऐसी तकनीक हैं जो उनकी गेंदबाजी को और घातक बनाती हैं जिससे वो अहम मौकों पर भी विकेट चटकाने में नहीं चूकते।