ICC Champions Trophy: इतिहास के 5 यादगार मुकाबले, पार्ट-2

मौजूदा समय में साल 2017 का सबसे अहम टूर्नामेंट चल रहा है। जिसको लेकर क्रिकेट के दीवानों में जबर्दस्त रोमांच बना हुआ है। यद्यपि चैंपियंस ट्रॉफी मिनी वर्ल्डकप की तरह का टूर्नामेंट है, जिसमें पूर्व में बेहद रोमांचक और मनोरंजक मुकाबले हुए हैं। पार्ट-2 में हम आपको 5 ऐसे यादगार मुकाबलों के बारे में बता रहे हैं जो भारत में हुए इस टूर्नामेंट के पांचवें संस्करण के बाद के हैं:

भारत बनाम वेस्टइंडीज, अहमदबाद (2006)

साल 2006 की शुरुआत में मलेशिया में हुई एक सीरिज में वेस्टइंडीज और भारत का ऐसा मुकाबला था कि जो टीम जीतेगी वह ऑस्ट्रेलिया के साथ फाइनल खेलेगी। इस मैच से पहले भारतीय टीम के ऊपर विंडीज की टीम एक द्विपक्षीय सीरिज में भारी पड़ी थी। मैच शुरू हुआ और भारत का स्कोर एक समय 69/3 हो गया, उसके बाद कप्तान द्रविड़ और युवराज सिंह ने स्कोर को 130 रन तक पहुंचाया। भारत का स्कोर 164 रन पर 6 हो गया, जिसके बाद एमएस धोनी ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर धीरे-धीरे पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन धोनी ने 47वें ओवर में दो छक्के लगाकर अपना हाथ खोला। लेकिन 51 के स्कोर पर धोनी आखिरी ओवर में रनआउट हो गये। भारत की पारी 223/9 खत्म हुई। जवाब में वेस्टइंडीज के लिए रामनरेश सरवन और रुनाको मार्टन ने मिलकर 92 रन की साझेदारी की। अंत में 17 गेंदों में 18 रन बनाने थे, लेकिन ब्रायन लारा, सरवन और ड्वेन स्मिथ इस अहम मौके पर जल्दी आउट हो गये। विंडीज को आखिर में 4 गेंदों पर 3 रन बनाने थे, जो मार्लोन सैमुएल्स ने आराम से अपर कट खेलकर हासिल करवा दिया। जिसके बाद विंडीज सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर गयी। ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान (सेंचूरियन, 2009) पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच ये मुकाबला था, जिसके परिणाम का इन्तजार भारत भी कर रहा था। पाकिस्तान की शुरुआत बेहद खराब रही और 40 रन उनके 3 विकेट गिर गये थे। पिच के धीमा खेलने का असर ये था कि कप्तान युनिस खान ने 49 गेंदों में 18 रन बनाये थे। पाकिस्तान की ओर से सबसे ज्यादा मोहम्मद युसूफ ने 45 रन बनाये और पाक की पारी 205/6 पर समाप्त हुई। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 31 में ओवर में दो विकेट पर 140 रन बनाये। मैदान पर कप्तान पोंटिंग और माइक हसी थे। लेकिन देखते-देखते ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 46 ओवर में 187/8 हो गया था। मोहम्मद आसिफ और सईद अजमल की शानदार गेंदबाज़ी ने पाक की मैच सम्पूर्ण वापसी करवा दी। हसी ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाये लेकिन कैलम फर्गुसन, कैमरून वाइट, जेम्स होप्स और मिचेल जॉनसन ने तो दोहरे अंक में भी नहीं पहुंचे थे। लेकिन ब्रेट ली और नाथन हौरित्ज़ ने ऑस्ट्रेलिया की न सिर्फ मैच में वापसी कराई बशर्ते जीत भी दिलाई। अंतिम ओवर में 4 रन बनाने थे, गेंदबाज़ी करने उमर गुल आये और उन्होंने पहली 5 गेंदों में मात्र 3 रन दिए लेकिन आखिरी गेंद पर विकेटकीपर अकमल का थ्रो स्टंप पर नहीं लगा जिसकी वजह से बाई के रूप में रन दौड़कर ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल कर ली। न्यूज़ीलैंड बनाम श्रीलंका (कार्डिफ, 2013) आधुनिक एकदिवसीय क्रिकेट में ये मैच गेंदबाजों के दबदबे के लिए याद किया जाता रहेगा। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी की थी। लेकिन न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों ने लंका के 6 बल्लेबाजों को 82 रन पर पवेलियन वापस भेज दिया था। काइल मिल्स ने पहली ही गेंद पर विकेट लिया था। उसके बाद मिचेल मैक्लेंघन, नाथन मैकुलम और डेनियल वेटोरी ने भी श्रीलंकाई बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। कुमार संगकारा ने सबसे ज्यादा 68 रन बनाये थे। मैच की सबसे साझेदारी 36 रन की थी। श्रीलंका की पूरी टीम 138 रन पर ऑलआउट हो गयी थी। मैक्लेंघन ने 43 रन देकर 4 विकेट लिए थे। जवाब में कीवी टीम का पहला विकेट 48 रन पर गिरा लेकिन उसके बाद 80 रन पर 6 विकेट हो गया। मार्टिन गुप्टिल ने तेजी से 25 रन बनाये थे। लेकिन शमिंडा एरंगा, मलिंगा के अलावा स्पिनर हेराथ और तिलकरत्ने दिलशान ने न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी को हिला कर दिया था। ब्रेंडम और नाथन मैकुलम ने कुछ देर संघर्ष किया था। लेकिन मलिंगा ने इन दोनों को बेहतरीन यॉर्कर गेंदों से आउट कर दिया था। कीवी टीम के 8 विकेट गिर चुके थे और जीत के लिए उन्हें 17 रनों की दरकार थी। मलिंगा ने 34 रन देकर 4 विकेट लिए थे। मिल्स रनआउट हो गये और स्कोर 134/9 हो गया। लेकिन साउथी और मैक्लेंघन ने अपनी टीम को एक विकेट से जीत दिला दी। दक्षिण अफ्रीका बनाम वेस्टइंडीज (कार्डिफ, 2013) ये मैच 31 का कर दिया गया था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका ने 230/6 रन का स्कोर बनाया। जिसमें कोलिन इनग्राम ने 73 और डीविलियर्स, डूप्लेसिस और डेविड मिलर ने अच्छी पारी खेली। दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी 6 ओवर में 58 रन बनाये थे। डीविलियर्स ने जेपी डुमिनी से गेंदबाज़ी की शुरुआत कराई। क्रिस गेल 27 गेंदों पर 36 रन बनाकर आउट हो गये। उसके बाद विंडीज का स्कोर 104/4 हो गया लेकिन अनुभवी मार्लोन सैमुएल्स और पोलार्ड ने 6 ओवर में 58 रन जोड़ वेस्टइंडीज को मैच में बनाये रखा। एक समय जब लग रहा था कि कैरेबियाई टीम इस मुकाबले को आसानी से जीत लेगी, लेकिन तभी डेल स्टेन ने सैमुएल्स को आउट कर दिया और उसके तीन ओवर बाद पोलार्ड भी आउट हो गये। वेस्टइंडीज का स्कोर 26 ओवर में 190/6 था। उसके बाद बारिश आने से मैच का नतीज डकवर्थ-लुईस नियम से टाई आया। दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर गया। लेकिन नतीजा बदल जाता अगर पोलार्ड आउट न होते। इंग्लैंड बनाम भारत (एजबेस्टन, 2013) 2013 में बारिश के चलते ये फाइनल मैच 20 ओवरों का हुआ, जिसमें शिखर धवन ने तेजी से 31 रन की पारी खेली। लेकिन पूरी टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। रवि बोपारा ने 20 रन देकर 3 विकेट लिए थे। भारत का स्कोर 13 ओवर में 66/5 रन था। उसके बाद विराट कोहली और जडेजा ने तेजी से बल्लेबाज़ी की। विराट कोहली ने 43 और जडेजा ने 33 रन बनाये और भारत ने इंग्लैंड के सामने 129/7 का लक्ष्य रखा। जवाब में इंग्लैंड के लिए आर आश्विन और जडेजा दुस्वप्न साबित हुए। इंग्लैंड का स्कोर एक समय 46/4 था। लेकिन बोपारा और इयोन मॉर्गन ने 9 ओवर में 64 रन की साझेदारी की। इंग्लैंड की जीत साफ़ नजर आ रही थी, उन्हें मात्र 16 गेंदों में 20 रन बनाने थे। लेकिन एमएस धोनी ने अचानक इशांत शर्मा को गेंद सौंपकर सबको चकित कर दिया और हो भी क्यों न इशांत ने लगातार दो गेंदों में 2 विकेट लेकर मैच का रुख भारत की तरफ मोड़ दिया। उसके बाद आश्विन और जाडेजा ने बाकी का काम भारत के लिए आसान बना दिया और भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का ये फाइनल मुकाबला 5 रन से जीत लिया।

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