चैंपियंस ट्रॉफ़ी में हार और अब कुंबले का इस्तीफ़ा, कोहली के लिए मुश्किल घड़ी !

#1 क्या कोहली को किसी कोच की दख़लअंदाज़ी पसंद नहीं ?
#2 नए कोच के साथ भी कोहली का रवैया ऐसा ही रहेगा ? #3 टीम इंडिया के अगले कोच पर पहले से ही कोहली के साथ मिलकर काम करने का दबाव रहेगा ? 697246956

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो विराट कोहली के साथ साथ टीम इंडिया के नए कोच के ज़ेहन में भी चल रहे होंगे। जो न तो भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा है और न ही किसी भी कोच या कप्तान के लिए। शायद यही वजह है कि महेंद्र सिंह धोनी को कैप्टेन कूल और अब तक का सबसे सफल कप्तान माना जाता है, क्योंकि 10 साल की कप्तानी के दौरान धोनी की किसी भी कोच के साथ कोई मतभेद की ख़बर नहीं आई थी। धोनी और गैरी कर्स्टन की दोस्ती की तो आज भी मिसाल दी जाती है, साथ ही आईपीएल में धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स के कोच स्टीफ़ेन फ़्लेमिंग की भी जोड़ी किसी से छिपी नहीं है। बहरहाल, कोहली को जिस तरह एक योद्धा के तौर पर जाना जाता है और जिस तरह उन्होंने ख़ुद को बदलते हुए और मेहनत करते हुए अपनी क्रिकेट और बल्लेबाज़ी को बुलंदियों पर ले गए हैं। ठीक उसी तरह वह इन मुश्किलों से भी सबक़ लेते हुए एक अच्छे कप्तान के साथ साथ अपने इगो को भी ख़त्म कर एक अच्छे इंसान बनते हुए भारतीय क्रिकेट को भी सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएंगे। लेकिन इन सब के बीच हमने जो खोया वह है अनिल कुंबले जैसा हार न मानने वाला खिलाड़ी, जिसने एक साल के छोटे से वक़्त में भारत को टेस्ट से लेकर वनडे तक में कई यादगार जीत दिलाई। कुंबले और कोहली का ये सफ़र अगर लंबा चलता रहता तो ज़रा सोचिए टीम इंडिया की रफ़्तार आज कितनी तेज़ होती और मंज़िल कितने पास।