आईसीसी की क्रिकेट समिति ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) को सभी टी20 टूर्नामेंटों और इसमें अम्पायर्स कॉल में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। समिति के अनुसार अम्पायर्स कॉल होने वाले रिव्यूज को टीमों के पास बरक़रार रखना चाहिए। इसके अलावा टेस्ट चैम्पियनशिप और क्रिकेट को ओलम्पिक में शामिल कराने पर भी बातचीत हुई है।
क्रिकेट समिति के चेयरमैन अनिल कुंबले ने कहा "हमने दो दिनों तक क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की और कुछ मुद्दे प्रकाश में लाये गए।इसमें पहला मुद्दा अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट की संरचना का है, समिति ने संरचना का स्वागत करते हुए सर्वसम्मति से खेल के लिए सर्वोपरी माना है।"
डीआरएस के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा "हां, भारतीय टीम ने इसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमों के भारत दौरे के समय ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया था। मुझे लगता है कि दोनों में हम सफल रहे। इससे निकलकर आए परिणामों से हम संतुष्ट हैं और आज हम जहां हैं उसे लेकर सहज भी हैं। विशेषकर जब से मैं क्रिकेट समिति में आया एमआईटी (मैस्साच्युसेट्स इंस्टीटयूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) के लिए डीआरएस प्रोटोकॉल एक चिंता के विषय के रूप में रहा है।"
गौरतलब है कि महान पूर्व भारतीय लेग स्पिनर और टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले अभी क्रिकेट समिति के मुखिया हैं, इसमें कई अन्य बड़े नाम भी शामिल हैं, जिनमें एंड्रू स्ट्रोस, राहुल द्रविड़, महेला जयवर्धने, डैरेन लेहमन, शॉन पोलक आदि शामिल हैं। निर्णय समीक्षा प्रणाली सिस्टम क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में फिलहाल इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मैदानी अंपायर के फैसले को चुनौती देने वाले डीआरएस का भारत ने कई वर्षों तक विरोध किया था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी तक इसे टेस्ट और वन-डे दोनों प्रारूपों में भारत के साथ खेलने वाली किसी भी टीम के समक्ष उपयोग नहीं हुआ था। विराट कोहली के कप्तानी संभालने के बाद भारत में भी पिछले वर्ष इंग्लैंड के भारतीय दौरे और उसके बाद कंगारू टीम के साथ टेस्ट सीरीज के दौरान डीआरएस इस्तेमाल किया गया।
Published 27 May 2017, 12:55 IST