क्रिकेट विश्व कप का इतिहास चार दशक से भी पुराना है और इस दौरान ऑस्ट्रेलिया सबसे अधिक बार विश्व विजेता टीम बनी है। क्रिकेट विश्व कप का 12वां संस्करण यानी आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 की मेजबानी इंग्लैंड करने वाला है। इंग्लैंड वही टीम है, जो पचास ओवर के क्रिकेट का विश्व कप कभी भी अपने नाम नहीं कर सकी है।
ऑस्ट्रेलिया कुल पांच बार विश्व विजेता बना है। वहीं सबसे अधिक बार विश्व कप जीतने की सूची में भारत, दो ख़िताब के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर मौजूद है। भारत के अलावा वेस्टइंडीज भी दो बार की विश्व विजेता टीम रही है।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके सामने रखने वाले हैं क्रिकेट विश्व कप के इतिहास के कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड, जिन्हें टूटने में मानो सदियां लग जाएंगी।
सचिन तेंदुलकर विश्व कप में 200 चौके लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी
क्रिकेट विश्व कप में कुल मिलाकर 200 या इससे अधिक चौके लगाने वाला दुनिया का एकमात्र खिलाड़ी भारतीय है और उसका नाम सचिन तेंदुलकर है। सचिन तेंदुलकर ने विश्व कप में कुल 45 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 241 चौके जड़े हैं। मौजूदा समय में खेल रहे खिलाड़ियों की बात करें तो सचिन तेंदुलकर के सबसे नजदीक वेस्टइंडीज के क्रिस गेल हैं। क्रिस गेल ने अपने क्रिकेट करियर में 26 विश्व कप मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने कुल 90 चौके लगाये हैं।
क्रिस गेल 2019 क्रिकेट विश्व कप के बाद संन्यास ले लेंगे। यानी सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड कई दशक तो क्या, आने वाली सदी में भी जस का तस ऐसे ही टॉप पर टिका रहने वाला है। हालाँकि क्रिस गेल इस विश्व कप में हजार रन बनाने वाले वेस्टइंडीज के केवल तीसरे बल्लेबाज बन सकते हैं। उन्हें हजार विश्व कप रन पूरे करने के लिए मात्र 56 रन की आवश्यकता है।
कप्तान के रूप में सबसे अधिक जीत- 26
रिकी पोंटिंग क्रिकेट के इतिहास के महान खिलाड़ियों में शुमार किये जाते हैं और दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से भी एक रहे हैं। रिकी पोंटिंग के नाम न केवल कप्तान के रूप में सबसे अधिक जीत है, बल्कि विश्व कप के इतिहास में अपनी टीम के लिए सबसे अधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने तीन विश्व कप (2003, 2007 और 2011) में अपनी टीम की कप्तानी करते हुए कुल 29 मैच खेले हैं।
ऑस्ट्रेलिया 2003 और 2007 में विश्व चैंपियन बना, ख़ास बात यह रही कि तीन विश्व कप में रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया केवल दो मैच हारी, एक रद्द रहा और 26 में उसे जीत मिली। ये दोनों ही हार ऑस्ट्रेलिया को 2011 विश्व कप में मिली। पहले ग्रुप मैच में पाकिस्तान के खिलाफ चार विकेट की हार और इसी विश्व कप के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ पांच विकेट की हार। विश्व कप में इस बेहतरीन कप्तानी रिकॉर्ड के आसपास भी आज तक कोई नहीं पहुंच सका है।
किन्हीं दो विश्व कप में 500 से अधिक रन
क्रिकेट विश्व कप का इतिहास पुराना है और इसी के साथ कुछ रिकार्ड्स भी बहुत पुराने हैं। विश्व कप के इतिहास में कई बल्लेबाजों ने किसी एक विश्व कप में 500 या इससे अधिक रन बनाए हैं। मगर एकमात्र बल्लेबाज, जिसने यह कारनामा दो बार किया है वह सचिन तेंदुलकर हैं।
1996 में जब सचिन तेंदुलकर ने किसी एक विश्व कप में 500 से अधिक रन बनाये तो 22 वर्षीय इस युवा बल्लेबाज को देखकर सभी की आँखें खुली की खुली रह गई। सचिन तेंदुलकर, किसी एक क्रिकेट विश्व कप में 500 या इससे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। हालाँकि उसके बाद मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग समेत 7 अन्य बल्लेबाज किसी एक विश्व कप में 500 या इससे अधिक के आंकड़े को छू चुके हैं। परन्तु इस कारनामे को दो बार करने वाले पहले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं।
1996 के बाद उन्होंने 2003 विश्व कप में भी कुल 673 रन बनाये, जो आज भी किसी एक विश्व कप में सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड है।