अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल यानि आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को क्रिकेट कमेटी द्वारा बताए गए नए नियमों को मान्यता देने की घोषणा कर दी है। मौजूदा लॉ में कुछ नई चीजें डालकर नियमों के स्वरूप में बदलाव करते हुए क्रिकेट को और अधिक करीब से जानने के लिए यह एक अहम कदम है। नए नियम 1 अक्टूबर से मैदान पर दिखेंगे।
निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS)
मुख्य सिफारिशों में निर्णय समीक्षा प्रणाली अर्थात डीआरएस में बदलाव भी एक था और इसे मंजूरी दे दी गई। अब अम्पायर्स कॉल पर टीमों के निरस्त होने वाले डीआरएस बचे रहेंगे। इसके फलस्वरूप एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि टीमों को 80 ओवर के बाद मिलने वाला रिव्यू बंद कर दिया जाएगा। टी20 क्रिकेट में भी डीआरएस को मंजूरी दी गई है। बॉल ट्रेकिंग और एज डिटेक्ट तकनीक देखना जरुरी होगी।
बल्ले की मोटाई विनियमित करना
बल्ले के साइड के किनारों और पूरे बल्ले की मोटाई निर्धारित की गई है। इसमें बल्ले की चौड़ाई 108 मिमी., गहराई 67 मिमी और किनारे 40 मिमी तक हो सकेंगे। कई बड़े खिलाड़ियों के बल्ले किनारों से 38 से 42 मिमी तक होते हैं। इसमें कुछ के बल्लों के किनारों का नाप 50 मिमी तक भी देखा गया है।
बल्लेबाज का बल्ला एक बार बार मैदान को टच करते हुए क्रीज में आने के बाद अगर हवा में भी रहता है, तो आउट नहीं दिया जाएगा। इसका मतलब है कि बल्ले का कुछ भाग स्टंप्स पर गेंद लगने से पहले क्रीज में आने के बाद हवा में रहता है, तो उसे कोई नुकसान नहीं होगा। चैम्पियंस ट्रॉफी में रोहित शर्मा के साथ ऐसा हुआ था लेकिन उस वक्त नियम चलन में नहीं था।
मैदान से खिलाड़ी को वापस भेजना
फुटबॉल की तरह क्रिकेट में भी खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजा जा सकेगा। शारीरिक रूप से हिंसा करने पर ही ऐसा किया जाएगा। इसमें अम्पायर को धमकी देना या शारीरिक चोट पहुंचाना, खिलाड़ी या दर्शक को चोट पहुंचना आदि शामिल है। क्रिकेट में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह नियम बनाया गया है। एक बार खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजने के बाद वह पूरे मैच से बाहर हो जाएगा फिर चाहे वह एकदिवसीय मैच हो या इससे अधिक दिनों का मुकाबला हो।
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