अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) बॉल टैंपरिंग (गेंद से छेड़छाड़) की घटना को लेकर गंभीर है और इसके लिए लिए सजा के प्रावधान और कड़े कर सकती है। इस महीने के आखिर में आईसीसी की सालाना कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें बॉल टैंपरिंग को लेकर कड़े कानून बनाए जा सकते हैं। इस वक्त बॉल टैंपरिंग करने पर लेवल 2 चार्ज के तहत दोषी खिलाड़ी के ऊपर एक टेस्ट या फिर 2 वनडे मैच का बैन लगाया जाता है। जबकि लेवल 3 चार्ज के तहत 4 टेस्ट मैच या 8 एकदिवसीय मैच का बैन लगाया जाता है। आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव डेविड रिचर्डसन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा कि आईसीसी क्रिकेट समिति का मानना है कि गेंद से छेड़छाड़ बेईमानी है और खेल भावना के खिलाफ है। इसलिए हम चर्चा कर रहे हैं कि बॉल टैंपरिंग और व्यक्तिगत टिप्पणी पर लेवल 3 के अंतर्गत चार्ज लगाया जाए। इससे पहले आईसीसी ने एक आंतरिक पैनल को कहा था कि वो बॉल टैंपरिंग और खिलाड़ियों के साथ होने वाली बदतमीजी के लिए कड़ी से कड़ी सजा का सुझाव दें। अप्रैल में क्रिकेट समिति के चेयरमैन अनिल कुंबले की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद लेवल 3 के चार्ज का सुझाव दिया गया था। क्रिकेट समिति की इन सिफारिशों पर चर्चा आईसीसी की सालाना बैठक में की जाएगी जो कि इस महीने के अंत में दुबई में होने वाली है। रिचर्डसन ने कहा कि अगर आईसीसी बोर्ड बॉल टैंपरिंग को लेवल 3 के अंतर्गत लाने का फैसला करता है तो फिर भविष्य में गेंद से छेड़छाड़ का दोषी पाए जाने पर किसी भी खिलाड़ी पर न्यूनतम 4 टेस्ट मैच का प्रतिबंध लग सकता है। गौरतलब है हाल के दिनों में बॉल टैंपरिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान गेंद से छेड़छाड़ का दोषी पाए जाने के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बैनक्रोफ्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अभी ये मामला शांत ही हुआ था कि एक और नई घटना सामने आ गई। वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच में श्रीलंका के कप्तान दिनेश चंडीमल पर बॉल टैंपरिंग का आरोप लगा है, हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार कर दिया है। इसी वजह से आईसीसी अब इसको लेकर कड़े कानून बनाने का विचार कर रही है।