अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के रेफरी क्रिस ब्रॉड ने पिछले सप्ताह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट की पिच को 'औसत से कम' करार दिया है। इससे पहले ब्रॉड ने पुणे में संपन्न सीरीज के पहले टेस्ट की पिच को 'ख़राब' करार दिया था। जहां बैंगलोर की आउटफील्ड को 'बहुत शानदार' बताया गया, वहीं यह समझा जा सकता है कि ब्रॉड की पिच के बारे में ऐसी रिपोर्ट देने का प्रमुख कारण अनिश्चित उछाल हो सकता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेला गया सीरीज का पहला टेस्ट तीन दिन के अंदर समाप्त हो गया था। दूसरे टेस्ट में टीमें बड़ा स्कोर नहीं बना सकी और चौथे दिन के अंतिम सत्र में मैच का परिणाम आ गया। भारतीय टीम ने चौथे दिन की दोपहर में शानदार वापसी करते हुए चार मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया। मेजबान टीम ने ऑस्ट्रेलिया के अंतिम 6 विकेट 11 रन के अंतराल में गिराए थे। महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि मैच रेफरी द्वारा 'औसत से कम' रेटिंग देना आम है और इसमें कोई पेनल्टी या जुर्माना नहीं लगता। पिच का मूल्यांकन करने के लिए मैच रेफरी के पास 6 विकल्प उपलब्ध रहते हैं, 'औसत से कम' रेटिंग को 'ख़राब' व 'अनफिट' से ऊपर रखा जाता है। यह भी पढ़ें : बीसीसीआई ने किया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का विरोध दाएं हाथ के बल्लेबाज के ऑफ़ स्टंप लाइन के बाहर रफ़ क्षेत्र बना था, जिसकी मदद से नाथन लायन को टर्न और उछाल अच्छा प्राप्त हुआ। इसकी मदद से उन्होंने पहले दिन 8 विकेट चटकाए। दूसरे दिन से तेज गेंदबाजों की गेंदें काफी नीचे रही और उसमें जरा भी उछाल नहीं हासिल हुआ। विराट कोहली, मिचेल मार्च, स्टीव स्मिथ और रविचंद्रन अश्विन बिना उछाल वाली गेंदों पर आउट हुए। दो सत्रों में भारत की पुणे पिच ख़राब करार दिए जाने वाली दूसरी पिच रही। इससे पहले 2015-16 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नागपुर में संपन्न टेस्ट की पिच को ख़राब करार दिया गया था। यह टेस्ट तीन दिन के भीतर ख़त्म हुआ था, जिसे भारत ने जीता था। 2006 से आईसीसी ने मैदान और पिच की निगरानी प्रक्रिया शुरू की, तब से सात पूर्णकालिक सदस्यों में से चार भारतीय पिचों को ख़राब या अनफिट करार दिया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट रांची में 16 मार्च से शुरू होगा। पुणे के समान रांची भी टेस्ट डेब्यू करने जा रही है और यहां की पिचों पर संदेह उठने लगे हैं।