2019 तक नहीं होगा टेस्ट में टू-टियर सिस्टम: आईसीसी

बुधवार को दुबई में हुई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की बैठक में टेस्ट में टू-टियर सिस्टम को लागू करने की मांग को 2019 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस प्रस्ताव को 6 सदस्यों की सहमति हासिल थी, लेकिन आईसीसी ने 2019 तक इसपर रोक लगा दी है। आईसीसी चाहती है कि इसकी जगह टेस्ट चैंपियनशीप आयोजित की जाए जो हर दो सालों पर की जाएगी। दुबई में एक वर्कशॉप का भी आईसीसी ने आयोजन किया था, जिसमें टेस्ट खेलने वाले 10 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस वर्कशॉप का मक़सद था कि कैसे बायलैटरल सीरीज़ को सफल बनाया जाए और ज़्यादा से ज़्यादा फ़ैस को टेस्ट क्रिकेट से जोड़ा जाए। ICC के सीईओ डेव रिचर्डसन ने कहा, ''हमारा मक़सद है कि किस तरह क्रिकेट फ़ैंस को ज़्यादा से ज़्यादा क्रिकेट स्टेडियम में लाया जाए। साथ ही साथ किस तरह क्रिकेट को और बेहतर बनाया जा सके। हम टू-टियर सिस्टम अभी इसलिए भी लागू नहीं कर सकते क्योंकि मौजूदा फ्यूचर टूर प्रोगराम (FTP) 2019-20 तक ख़त्म हो रहा है। एक बार इस FTP को ख़त्म हो जाने दीजिए फिर टू-टियर पर ध्यान दिया जाएगा।'' आईसीसी के इस फ़ैसले का समर्थन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी किया है। बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आईसीसी के इस फ़ैसले का स्वागत किया है। ''मैं आईसीसी का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने हमारे विचार का समर्थन किया और टू-टियर सिस्टम को लागू नहीं करने का फ़ैसला किया है। हम हर तरीक़ें से क्रिकेट की लोकप्रियता को बढ़ाने की ओर क़दम उठा रहे हैं और उठाते रहेंगे, हमे जहां लगेगा कि क्रिकेट के लिए बेहतर नहीं है, हम अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।'' दरअसल, टू-टियर सिस्टम का मतलब ये होगा कि टेस्ट खेलने वाले 10 देशों के अलावा दो और देशों को टेस्ट का दर्जा दिया जाए। जिसमें आयरलैंड और अफ़गिस्तान का नाम शामिल है, और फिर रैंकिंग के आधार पर टीमो को दो ग्रुप में बांटा जाए। पहले ग्रुप में टॉप-7 टीमे और दूसरे ग्रुप में नीचे से 5 टीमे होंगी। पहले ग्रुप की 7 टीमो को आपस में और दूसरे ग्रुप की 5 टीमे आपस में खेलेंगी जिसके बाद प्रदर्शन के आधार पर निचले पायदान की टीमों को ऊपरी ग्रुप में आने का मौका मिल जाता। टू टियर सिस्टम का मक़सद टेस्ट क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा लाना है।