ICC के नियम और सिद्धांत: नियम 23 की व्याख्या और डेड बॉल का कथानक

गली क्रिकेट में डेड बॉल होने के बहुत से कारण होते हैं, जिसमें गेंद का ज्यादा बाउंस हो जाना, 6 टप्पे में बल्लेबाज़ तक पहुंचना या फिर मैच के दौरान कोई वृद्ध चाचा का बीच से निकल जाना। लेकिन आईसीसी के नियम और विनियम में इसके लिए बाकायदा कानून है जो नियम 23 के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे की वजह भी गली क्रिकेट से अलग होती है। एक समय में इंग्लैंड का बेहतरीन क्रिकेट क्लब रह चुके मेरिलबोन क्रिकेट क्लब(ये क्लब मौजूदा समय में लॉर्ड्स में क्रिकेट का संचालन और क्रिकेट के नये नियमों को बनाना और उसकी व्याख्या करने का काम करता है।) के मुताबिक गेंद के डेड होने की वजह ये है: # गेंद जब आखिरकार गेंदबाज़ या विकेटकीपर के हाथ में सुनिश्चित हो जाती है। (जब गेंद फाइनली सेटल हो जाती है, तो इसमें अंपायर के इशारे की जरूरत नहीं होती है।) # गेंद सीमा के पार जब पहुँच जाती है। # बल्लेबाज़ के आउट होने के बाद। # खेल के दौरान जब गेंद बल्लेबाज़ के कपड़े, हेलमेट या बल्ले और पैड के बीच कहीं फंस जाती है। तो वह डेड बॉल होती है। यही नहीं हेलमेट लगाकर फील्डिंग करने वाले फील्डर या अंपायर के कपड़े या किसी भी खिलाड़ी के कपड़े में फंस जाती है, तो वह डेड बॉल होती है। # पेनल्टी रन लेने के बाद डेड बॉल हो जाती है। # बॉल के खो जाने पर। # अंपायर के ओवर और समय पूरा होने के कहने पर। # खेल के दौरान खराब बर्ताव के समय या अंपायर अपनी जगह छोड़कर सलाह मशविरा जब करने जाता है, तो भी बॉल डेड घोषित हो जाती है। # गेंद के पहुँचने से पहले ही गिल्ली गिर जाने पर भी बॉल को डेड घोषित कर दिया जाता है। # बल्लेबाज़ जब पूरी तरह तैयार नहीं होता है और गेंदबाज़ गेंद फेंक देता है, तब भी बॉल डेड हो जाती है, लेकिन बल्लेबाज़ खेलने का प्रयास न करे। # कई बार बल्लेबाजों का अचानक किसी शोर या अन्य गतिविधि की वजह ध्यान भंग होता है, जिसकी वजह से वह गेंद को खेलने के बजाय पीछे हट जाता है। ऐसे समय में भी गेंद को डेड घोषित किया जाता है। # किसी भी खिलाड़ी को गंभीर चोट या इंजरी होने पर भी बॉल को डेड घोषित कर दिया जाता है। # कई बार गेंदबाज़ के हाथ से गेंद छूट जाती है, ऐसे में भी बॉल को डेड करार दिया जाता है। जहाँ नियम 2, 3, 7, 9, 10, 11, 12 और 13 बहुत ही साफ़ और दुरुस्त हैं। तो वहीं नियम 1, 4, 5, 6 और 8 में अक्सर विवाद हो जाते हैं। पहले नियम की वजह से अभी हाल ही में डिकवेला को फाइन लग चुका है। डिकवेला ने तब गिल्लियां बिखेर दी जब बल्लेबाज़ क्रीज़ में मौजूद था। और बॉल डेड हो चुकी थी। हालांकि डिकवेला ने जब गिल्लियां बिखेरी थीं, तब बल्लेबाज़ का संतुलन बिगड़ा हुआ था और गेंद डेड नहीं थी। ऐसे में स्टंपिंग करने में कोई गलत बात नहीं थी। लेकिन आखिरकार बॉल कब डेड हुई ये निर्णय अंपायर पर निर्भर करता है। नियम 4 पर भी काफी बहस हो चुकी है। क्योंकि कई बार इस नियम की वजह से बल्लेबाज़ आउट हुए हैं। गेंद क्लोज कैचर के हेलमेट में लगी और डेड बॉल दे दी गयी जिसकी वजह से मोइन अली नॉट आउट ही रहे और मैच बदल गया। नियम 5 में अगर खिलाड़ी के इक्विपमेंट में गेंद लगती तो वह डेड बॉल होगी भले ही उसने उसे न पहन रखा हो। ऐसा चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में बांग्लादेश और भारत के मुकाबले में हुआ था। नियम 6 में जब गेंद गायब होने के बाद डेड घोषित हो जाती है। जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में फिट नहीं बैठता है। लेकिन कार पार्किंग में खेलने वालों के लिए ये नियम अच्छा है। वहीं नियम 8 भी विवादित है, जिसमें खेल रुकने के बाद बिना अंपायर के इजाजत के खेल आगे नहीं बढ़ सकता है। इसकी वजह से जेसन रॉय अभी हाल ही में ऑब्सट्रकसन ऑफ़ द फील्ड की वजह आउट करार दिए गये थे। जिसकी वजह से उनकी टीम दक्षिण अफ्रीका से हार गयी थी। पहले अंपायर ने बॉल को डेड करार दिया लेकिन थर्ड अंपायर ने बॉल को काउंट करते हुए रॉय को आउट करार दिया। कुल मिलाकर आपका जीवन नियम 23 पर डिपेंड नहीं है, लेकिन बतौर बल्लेबाज़ आपका विकेट इस पर निर्भर करता है। ये लेख उन बल्लेबाजों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। जो कभी-कभार विकेटकीपर की चतुराई से आउट हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें ये नियम जानना जरुरी है।

Edited by Staff Editor
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