ICC key recommendations: टेस्ट क्रिकेट फॉर्मेट से दूर होते जा रहे दर्शकों को लुभाने के लिए आईसीसी ने समय-समय पर बदलाव किए हैं। पहले जहां 2015 में पिंक बॉल से डे-नाइट टेस्ट मैचों की शुरुआत की, तो इसके बाद 2019 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का आगाज किया। आईसीसी की तरफ से टेस्ट फॉर्मेट के रोमांच को बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें एक बार फिर से बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं।
टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में मिले बड़े बदलाव के संकेत
जी हां, आईसीसी अब टेस्ट ही नहीं बल्कि वनडे फॉर्मेट में भी कुछ बदलाव करने के लिए कदम आगे बढ़ा रही है, जिसमें डब्ल्यूटीसी में अब 2 मैचों की टेस्ट सीरीज को खत्म करने की योजना बना रही है, तो साथ ही डे-नाइट टेस्ट मैचों पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने का फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा वनडे क्रिकेट में पहले 25 ओवर में 2 नई गेंद का इस्तेमाल करने पर भी चर्चा की गई।
आईसीसी के हेडक्वार्टर दुबई में क्रिकेट की इस सबसे बड़ी संस्था की कमेटी की बैठक हुई। इसमें आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के अगले चक्र में कुछ बदलाव करने पर बात हुई। जिसमें कमेटी ने WTC में 2 मैचों की टेस्ट सीरीज को खत्म करने का सुझाव पेश किया, क्योंकि कुछ देश लगातार सिर्फ 2-2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलते हैं जिससे अंक बांटने में टीमों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। तो वहीं दर्शकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़े रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट मैचों का आयोजन कराने पर भी सहमति बनी।
आईसीसी के सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
“दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे कुछ देश ज्यादातर सिर्फ दो टेस्ट सीरीज खेलते हैं। केवल भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया लंबी टेस्ट सीरीज खेलते हैं। इससे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने में मदद नहीं मिलती है और अंक बांटने में अनुचित हो जाता है। सिफारिशों का मकसद ऐसी असमानताओं को खत्म करना है।”
आईसीसी चाहती है कि अब ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट मैच का आयोजन हो, जिससे टेस्ट फॉर्मेट में दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी की जा सके। सूत्रों का कहना है कि आईसीसी कमेटी का मानना है कि पिंक वाले टेस्ट मैचों की वजह से स्टेडियम में ज्यादा लोग आए हैं। हाल ही में पाकिस्तान में बहुत कम लोग आए। भारत में खेले गए तीन पिंक बॉल वाले टेस्ट मैचों में सामान्य से ज्यादा टिकटें बिकीं। टेस्ट खेलने वाले देशों को ज्यादा पिंक बॉल वाले टेस्ट मैच आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"
आपको बता दें कि आईसीसी कमेटी में भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के साथ ही महेला जयवर्धने, वीवीएस लक्ष्मण, शॉन पोलक, डेनियल वेटोरी, रोजर हार्पर और आईसीसी के नए चैयरमैन बनने जा रहे जय शाह भी मौजूद थे।