इस वर्ष के अंत में विश्व एकादश के खिलाफ एक टी20 सीरीज के लिए पाकिस्तान को मेजबानी करने का मौका मिल सकता है। आईसीसी के बोर्ड ने शनिवार को लन्दन में हुई वार्षिक कांफ्रेंस में इसका समर्थन किया है। इस प्रकार के प्रस्ताव का समर्थन करने का उद्देश्य पाकिस्तान में क्रिकेट को पुनर्स्थापित करना है। वहां 2009 के बाद से कोई भी बड़ी टीम के साथ पाक का अन्तर्राष्ट्रीय मैच नहीं हुआ है। बैठकों के दौर में अंतिम दिन आईसीसी ने एक प्रेस रिलीज में मैचों के आयोजन की योजना पर कहा कि पाकिस्तान एकादश के खिलाफ खेलने के लिए कार्य प्रगति पर है। आईसीसी बोर्ड के शब्दों में "प्रस्ताव के समर्थन के लिए सहमति है। आगे की जानकारी बाद में घोषित की जाएगी।" जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान ही वे टीमें हैं, जिन्होंने 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में जाकर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। मार्च 2009 में बन्दूकधारियों ने श्रीलंकाई टीम की बस पर हमला कर दिया था। 2015 में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाक-जिम्बाब्वे मैच के दौरान मैदान से 800 मीटर की दूरी पर एक धमाका हुआ था। इसमें दो लोगों की जान गई थी। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान सुपर लीग टी20 टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला वहां आयोजित कराया था, जिसमें कई अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने शिरकत की थी। 5 मार्च को हुए यह मैच बिना किसी बाधा के सम्पन्न हो गया था। गौरतलब है कि भारत में आये दिन पाकिस्तान की तरफ से हो रही आतंकी गतिविधियों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव है और क्रिकेट में भी सम्बन्ध खराब हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज भी नहीं हो रही है। अगर विश्व एकादश के मुकाबले पाकिस्तान में होंगे तो भारतीय खिलाड़ी इसमें शिरकत करेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। टीम इंडिया से विश्व एकादश में कई बड़े खिलाड़ियों के चुने जाने की संभावना है। हालांकि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है लेकिन समय पर सभी चीजें साफ़ हो जाएगी।