90 के दशक के अंत में और 2000 के शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया एक अजेय टीम थी। उन्हें एक भी मैच में हराना टीमों के लिए उपलब्धि होती थी। जून 2003 में जब रैंकिंग की शुरुआत हुई तब से लेकर 2009 के एशेज हार तक, यानि कि 74 महीनों तक ऑस्ट्रेलिया की टीम नंबर 1 थी। 6 साल और दो महीने तक नंबर 1 रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया को आख़िरकार अपना नंबर 1 का ताज गंवाना पड़ा था। हालाँकि अगर रैंकिंग पहले शुरू होती तो ऑस्ट्रेलिया सही मायने में अप्रैल 2000 से अगस्त 2009 तक नंबर 1 थी। यानि कि 112 महीनों (9 साल और 4 महीने) तक उन्हें किसी ने टॉप स्थान से हटाने वाला प्रदर्शन नहीं किया। इस टीम की नींव स्टीव वॉ ने रखी थी, जिसे बाद में रिकी पोंटिंग ने अपनी कप्तानी में आसमान तक पहुंचा दिया। स्टीव वॉ के द्वारा बनाई गई टीम को पोंटिंग ने टॉप पर ऐसा पहुँचाया कि उन्हें कई सालों तक कोई हिलाने वाला नहीं था। विश्व क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान रिकी पोंटिंग ने अपनी बल्लेबाजी से भी टीम की स्थिति को मजबूत बनाये रखा। पोंटिंग के पास ग्लेन मैक्ग्रा, मैथ्यू हेडेन, जस्टिन लैंगर, डेमियन मार्टिन, एडम गिलक्रिस्ट, ब्रेट ली और शेन वॉर्न जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे और इस टीम को हराने के बारे में सोच लेना भी किसी टीम के लिए काफी था। लेकिन हमेशा कोई भी टॉप पर नहीं रहता और यही रिकी पोंटिंग की इस टीम के साथ हुआ। 2005 में एशेज में इंग्लैंड के हाथों हार के बाद टीम का पतन शुरू हुआ। हालाँकि इसके बाद भी 2009 तक उन्हें सिर्फ भारत ने हराया लेकिन 2009 एशेज में हार के बाद ऑस्ट्रेलिया को अपना ताज गंवाना पड़ा।