अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अपने कई नियमों में बदलाव किया है, जिसमें कोड ऑफ कंडक्ट और डकवर्थ-ल्यूइस नियम शामिल हैं। कोड ऑफ कंडक्ट के 4 नए नियम लाए गए हैं। अब किसी खिलाड़ी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने या फिर गेंद से छेड़छाड़ गलत तरीके से लाभ लेने का मामला लेवल 2 या लेवल 3 के अंतर्गत आएगा। अगर कोई खिलाड़ी अंपायर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो ये लेवल 1 के तहत अपराध माना जाएगा।
अगर लेवल 3 का चार्ज लगता है तो अब 12 सस्पेंशन प्वाइंट लगेंगे। 12 सस्पेशंन प्वाइंट लगने पर 12 वनडे या फिर 6 टेस्ट मैचों का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। टेस्ट और वनडे की प्लेइंड कंडीशन में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। टेस्ट और वनडे मैचों में एक्स्ट्रा टाइम को लेकर भी कुछ बदलाव किए गए हैं।
इसके अलावा आईसीसी ने डकवर्थ-ल्यूइस में भी कुछ परिवर्तन किया है। आईसीसी ने कहा कि फिर से पुष्टि हो गई है कि डीएलएस प्रणाली का एक संस्करण सभी प्रारूपों के लिए सही है। इस नए प्रारूप को लागू करने से पहले वन-डे के अंत के 20 ओवर और टी-20 में रन बनाने के पैर्टन को ध्यान में रखा गया है। इसमें पुरुष और महिला क्रिकेट के अलग-अलग स्कोरिंग पैटर्न पर भी गौर किया गया है। शोध से पता चला है दोनों हालात (पुरुष और महिला क्रिकेट) में स्कोरिंग रेट अलग रही है जबकि विकेटों की स्थिति लगभग एक समान है इसलिए इस बात पर फैसला किया गया कि डीएलएस का एक ही प्रारुप दोनों जगह लागू किया जाएगा।
विश्व कप में एक साल से भी कम समय बचा है इसलिए आईसीसी ने मौजूदा खेल की स्थितियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। ये सभी बदलाव 30 सितंबर से प्रभावी होंगे। इसमें जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे मैच भी शामिल है