आईसीसी का बयान, भारत में फिक्सिंग कानून जरूरी

 आईसीसी हेडक्वार्टर
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आईसीसी एंटी करप्शन यूनिट के जांच कोऑर्डिनेटर स्टीव रिचर्डसन ने मैच फिक्सिंग को लेकर प्रतिक्रिया दी है। भारत में मैच फिक्सिंग रोकने के लिए उन्होंने मैच फिक्सिंग कानून को एक बदलाव के रूप में देखने की बात कही है। आईसीसी मैच फिक्स रोकने के लिए तमाम देशों पर नजर रखती है लेकिन भारत में फिक्सर पकड़ में नहीं आते इसलिए आईसीसी ने नियम कड़े किये हैं। पुलिस और सरकार के साथ मिलकर फिक्सिंग रोकने के प्रयासों पर भी आईसीसी के जाँच अधिकारी ने बात की।

एक रिपोर्ट के अनुसार स्टीव रिचर्डसन ने कहा कि भारत में फिक्सिंग कानून से बदलाव आएगा। यह एक गेम चेंजर की तरह काम करेगा। इन्वेस्टीगेशन के पचास लिंक में ज्यादातर भारत से निकले हैं। फिक्सिंग कानून इकलौता सबसे ज्यादा प्रभावशाली कानून होगा। उन्होंने भारत में मैच फिक्सिंग कानून पेश करने की जरूरत बताई।

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आईसीसी उठा रही कड़े कदम

मैच फिक्सिंग को लेकर पहले भी कई तरह की बातें उठती रही है। आईसीसी के सामने फिक्सरों से सम्बंधित जानकारी आते ही मामले की जाँच कराई जाती रही है। भारत से लिंक होने की खबरें भी आती रही हैं। हालांकि एक खास बात यह रही कि फिक्सिंग में विदेशी खिलाड़ी ही संलिप्त पाए गए हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जिसे फिक्सरों ने सम्पर्क किया लेकिन उन्होंने आईसीसी को सूचना नहीं दी। शाकिब अल हसन ऐसा नाम है जिनसे आईपीएल के दौरान फिक्सरों ने सम्पर्क किया था लेकिन उन्होंने आईसीसी को नहीं बताया। व्हाट्सएप्प चैट का जरिये इन्वेस्टीगेशन करते हुए आईसीसी ने शाकिब को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। भारतीय पुलिस के पास भी मैच फिक्सिंग को लेकर ठोस कानून नहीं है।

 आईसीसी हेडक्वार्टर
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फिक्सिंग के बाद पुलिस की कार्रवाई में ठोस तथ्य नहीं होने के कारण कोर्ट से फिक्सरों को राहत मिल जाती है। कई मामलों में ऐसा हुआ है। कई बार सबूतों के अभाव में फिक्सरों को छोड़ना पड़ता है। आईसीसी चाहती है कि फिक्सिंग रोकने के लिए एक कानून आए जिससे भारत में इसे रोका जा सके। भारत में अगले साल टी20 वर्ल्ड कप होना है और 2023 में वनडे विश्वकप का आयोजन भी प्रस्तावित है।