2009 महिला विश्वकप के बाद ही क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना लिया था: मिताली राज

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वो 2009 विश्वकप के बाद ही क्रिकेट को अलविदा कहने वाली थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने क्रिकेट को आज तक जारी रखा है। मौजूदा महिला विश्वकप में मिताली राज की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने अब तक शानदार खेल का नज़ारा पेश किया है, जिसकी बदौलत भारत टूर्नामेंट के फाइनल में भी जगह बना चुका है। मिताली राज ने एक इन्टरव्यू में कहा, "2009 महिला क्रिकेट विश्वकप में ही क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। क्योंकि वो पहला महिला विश्वकप था, जो टीवी पर प्रकाशित हुआ था। मैंने आगे और क्रिकेट खेलने का फैसला किया और आज तक अपने देश के लिए खेल रही हूं।" इससे पहले भी मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट को लेकर प्रतिक्रिया ज़ाहिर कर चुकी हैं. उन्होंने कहा था, "पिछले कुछ समय में बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देते हुए अच्छा कदम उठाया है। पहले महिला क्रिकेट का आयोजन टीवी पर प्रसारित नहीं किया जाता था, लेकिन अब बीसीसीआई के अथक प्रयासों की बदौलत भारतीय महिला क्रिकेट को टीवी पर देखा जाने लगा है।" भारतीय महिला क्रिकेट टीम कि कप्तान मिताली राज एक पत्रकार पर भी भड़क उठी थीं, जहां एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया था, "आपका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है?" इसके बाद मिताली राज ने पलटकर जवाब देते हुए कहा था, "महिला क्रिकेटर की तुलना पुरुष खिलाड़ियों से नहीं की जानी चाहिए। मुझसे ये सवाल पहले भी कई बार पूछा जा चुका है, लेकिन आपको पूछना चाहिए कि आपकी पसंदीदा महिला खिलाड़ी कौन है।" यह घटना महिला विश्वकप की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले घटी थी, वहीँ मिताली राज अपनी बल्लेबाजी के अलावा सख्त मिजाज़ के लिए भी जानी जाती हैं, वहीँ उन्होंने इसका हल्का सा नमूना विश्वकप की शुरुआत से पहले भी पेश किया था। भारतीय क्रिकेट टीम आज लॉर्ड्स के खूबसूरत क्रिकेट मैदान पर इंग्लैंड के विरुद्ध महिला विश्वकप 2017 का फाइनल खेलने उतरेगी।

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