ICC Women's World Cup 2017: पहली बार होगा DRS का इस्तेमाल

इंग्लैंड एंड वेल्स की मेजबानी में आयोजित होने वाले आईसीसी महिला विश्व कप 2017 में डिसिजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का उपयोग किया जाएगा। महिला क्रिकेट के इतिहास में पहली बार DRS का इस्तेमाल होगा। हालांकि, डीआरएस टूर्नामेंट में होने वाले सभी 21 मैचों में लागू नहीं होगा, लेकिन प्रसारित होने वाले 10 मुकाबलों में इसका उपयोग किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सीईओ डेव रिचर्डसन ने कहा, 'बोर्ड ने बैठक में पुष्टि की है कि हम डीआरएस का इस्तेमाल महिला विश्व कप में करेंगे। इससे पहले हमने महिला कार्यक्रमों में डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन अब हम महिला विश्व कप के प्रसारित होने वाले सभी मुकाबलों के लिए इसका उपयोग करेंगे। इसके साथ ही पुरुष और महिला वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट में भी DRS का इस्तेमाल किया जाएगा।' यह भी पढ़ें : आईसीसी महिला विश्वकप 2017 का पूरा कार्यक्रम याद हो कि DRS का परिचय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार 2008 में हु था जब भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट खेला गया था। इसके बाद से टेस्ट खेलने वाले देशों के बीच इस तकनीक ने काफी लोकप्रियता हासिल की और अब ये पुरुष क्रिकेट का अतुलनीय हिस्सा बन चुका है। DRS में शामिल हॉक-आई, अल्ट्रा एज, हॉट स्पॉट और स्निकोमीटर नियमित तकनीक का इस्तेमाल अंपायर के विवादित फैसला लेने पर दोनों टीमों के कप्तान कर सकते हैं। महिला विश्व कप में इस्तेमाल होने वाले DRS के नियम पुरुष वन-डे क्रिकेट के समान ही रहेंगे। दोनों टीमों को प्रत्येक पारी एक रिव्यू का मौका मिलेगा और ये तब नहीं गिना जाएगा अगर कप्तान का फैसला सही निकले। जिन 10 मैचों में DRS का उपयोग होगा, उसकी लिस्ट इस प्रकार है :

शनिवार, 24 June – इंग्लैंड vs भारत, डर्बीशायर
बुधवार, 28 June – दक्षिण अफ्रीका vs न्यूजीलैंड, डर्बीशायर
रविवार, 2 July – भारत vs पाकिस्तान, डर्बीशायर
बुधवार, 5 July – श्रीलंका vs भारत, डर्बीशायर
रविवार, 9 July – इंग्लैंड vs ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्टल
बुधवार, 12 July – ऑस्ट्रेलिया vs इंडिया, ब्रिस्टल
शनिवार, 15 July – इंग्लैंड vs वेस्टइंडीज, ब्रिस्टल
मंगलवार, 18 July- सेमीफाइनल 1
बुधवार, 19 July- सेमीफाइनल 2

DRS ऐसी तकनीक है, जो टीम को काफी अहम पलों पर फायदा दिला सकती है। शुरुआत में DRS का सही इस्तेमाल करने में टीमों को परेशानी हुई थी, लेकिन अब यह हथियार के रूप में उपयोग किया जाने लगा है।

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