वर्ल्डकप 2019 के लिए भारत के 3 संभावित बैकअप विकेटकीपर

आईसीसी विश्वकप 2019 के लिए एक साल से भी कम समय बचा है और बीसीसीआई चयनकर्ताओं के साथ यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सर्वश्रेष्ठ संभावित टीम को तैयार किया जाए ताकि भारतीय टीम तीसरी बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को उठाने में कामयाब हो सके। दुनिया भर में भारतीय प्रशंसक यह देखने के लिए उत्सुक है कि कैसे कोहली कप्तान के रूप में अपने पहले विश्व कप में इंग्लैंड और वेल्स की सरज़मीं पर टीम का नेतृत्व करते हैं। चयनकर्ताओं को मौजूदा टीम के सामने हो रही बड़ी समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है। छठा गेंदबाजी विकल्प कौन होगा? चौथे नंबर के बल्लेबाज के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प कौन रहेगा? ये बात हम सभी को पता है कि एसएस धोनी अपने करियर के समाप्ति के पास हैं और ऐसे में प्रबंधन को उनके लिए एक उपयुक्त प्रतिस्थापन खोजने की जरूरत है। 37 की उम्र में धोनी अभी भी एक विकेटकीपर और रणनीतिकार के रूप में और मजबूत हो रहे हैं लेकिन उनकी बल्लेबाजी कौशल थोड़ा खराब हो गया है और शायद अब समय युवा विकेटकीपिंग-बल्लेबाज को बड़े स्तर पर मौका देने का आ गया है। यहां तीन ऐसे खिलाड़ी हैं जो बैकअप विकेटकीपर के रूप में सबसे अच्छा विकल्प बन सकते हैं और यहां तक ​​कि आने वाले मौकों पर एमएस धोनी की जगह टीम के स्थिर विकेटकीपर हो सकते हैं-

विशेष उल्लेख- केएल राहुल और ईशान किशन

#3 संजू सैमसन

2013 में राजस्थान रॉयल्स के लिए इंडियन प्रीमियर लीग में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ संजू सैमसन लाइमलाइटट में आए। 23 वर्षीय खिलाड़ी आईपीएल में 1000 रन बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने हुए हैं। इसके अलावा, वह रणजी ट्रॉफी में केरल टीम का नेतृत्व करने वाले सबसे कम उम्र के कप्तान हैं। 2014 में संजू ने राष्ट्रीय टीम में कदम रख दिया लेकिन एमएस धोनी के बैकअप कीपर बने रहे। जुलाई 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय टी-20 करियर की शुरूआत करने के बाद सैमसन आज तलाशे गये भारत के सबसे युवा बल्लेबाजों में से एक है। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने भी सैमसन की प्रशंसा का थीं- वह सभी परिस्थितियों में गति और स्पिन के खिलाफ अच्छा है और मुझे लगता है कि वह भारतीय क्रिकेट का अगला सुपरस्टार बनने जा रहा है। वह नया रॉकस्टार है, संजू सैमसन जो निश्चित रूप से है। वह एक उत्कृष्ट खिलाड़ी है और वह एक गुणवत्ता वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है। फिलहाल भारत इस समय कई प्रतिभावान खिलाड़ियों से भरा है, मुझे लगता है कि हमारा संजू सैमसन पंत के साथ बढ़िया है। मुझे लगता है कि वह दो लड़के शायद दो सर्वश्रेष्ठ युवा भारतीय बल्लेबाज़ हैं जिन्हें मैंने लंबे समय बाद देखा है। संजू सैमसन के करियर ने एक और मोड़ लिया जब वह यो-यो टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए भारत-ए टीम में शामिल होने में नाकाम रहे। राहुल द्रविड़ समेत भारतीय विशेषज्ञों द्वारा अत्यधिक प्रिय, सैमसन के पास अभी भी विश्व कप के लिए वरिष्ठ टीम में एक और मौका पाने के लिए अपनी फिटनेस पर काम करने का समय है। यो-यो टेस्ट में कम स्कोर निश्चित रूप से एक बार फिर से राष्ट्रीय पक्ष में जगह बनाने के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य कर सकता है।#2 ऋषभ पंत

भारत अंडर-19 विश्व कप टीम में कीपर के पहले विकल्प के तौर में ऋषभ पंत का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में पहला कार्यकाल था और इस स्तर पर 18 गेंदों पर सबसे तेज पचासा मारकर अपनी क्षमता को साबित कर दिया। वैश्विक स्तर पर उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें रातोंरात सनसनी बना दिया और उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ एक आईपीएल अनुबंध मिल गया। घरेलू लीग जैसे कि आईपीएल और रणजी ट्रॉफी में इस 20 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने शानदार फॉर्म को जारी रखा, जिससे उन्हें चयनकर्ताओं से राष्ट्रीय टीम के लिए बुलावा आ गया। फरवरी 2017 में अपनी शुरुआत करने के बाद, दिल्ली के प्लेयर ने तकनीक और उत्साह के साथ स्टेडियम के बाहर गेंद को बाहर भेजने के कारण सभी को प्रभावित किया है। गांगुली ने पंत पर अपनी राय के बारे में संवाददाताओं से कहा: मुझे लगता है कि उसका भविष्य है लेकिन उसके लिए स्थिरता महत्वपूर्ण है। हां टी-20 अलग है, अवसर बहुत कम हैं। लेकिन मुझे लगता है कि पंत और ईशान जैसे किसी के लिए, उनका समय जल्द आयेगा। वे युवा हैं और कोई जल्दी नहीं है। वे अधिक खेल खेलेगे तो अधिक परिपक्व होंगे और आने वाले सालों में वे भारत के लिए खेलेंगे। युवा पीढ़ी की सबसे उज्ज्वल संभावनाओं में से एक, ऋषभ पंत निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य है। धोनी के बैकअप कीपर के रूप से पंत अपनी स्थिति को पक्का कर सकते है और इसकी एक झलक जो आने वाले विश्व कप में प्रशंसकों को दिख सकती है।#1 दिनेश कार्तिक

दिनेश कार्तिक ने 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और कुछ ही अवसरों पर नियमित खिलाड़ी बने रहे। एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों चरणों में अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं का ध्यान कार्तिक पर तब जाता है जब अन्य खिलाड़ियों को आराम दिया जाता या घायल होता है या फिर धोनी उस मैच में नहीं होते हैं। उतार-चढ़ाव से भरे करियर के साथ कार्तिक प्लेइंग इलेवन में एक जगह के लिए लड़ते रहे है और इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश के खिलाफ निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में 8 गेंदों पर नाबाद 29 रनों वाले अपने मैच जीतने वाले प्रदर्शन की बदौलत दुनिया भर में भारतीय प्रशंसकों के दिलों में जगह बना दी। अपने जीवन की बेहतरीन फॉर्म के साथ दिनेश कार्तिक 2019 में विश्वकप के लिए बैकअप विकेटकीपर के रूप में नंबर एक विकल्प बने हुए हैं। उन्होंने एमएस धोनी के समान शांत-रचना वाले बल्लेबाज के रूप में समानताएं दिखायी हैं जो किसी भी मैच को आसानी से खत्म कर सकते हैं और एक खिलाड़ी व कप्तान के रूप में उनकी उपलब्धियां और प्रशंसा उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान के सही बदलाव के लिए पर्याप्त बनाती है। लेखक- साग्निक मोंगा अनुवादक- सौम्या तिवारी