जब से क्रिकेट में डीआरएस आया है तब से गेंदबाजों को बड़ी मदद मिली है। आज के गेंदबाज अम्पायर के फैसले को चुनौती दे देते हैं और कई बार फैसला उनके पक्ष में आता है। हालांकि पहले डीआरएस उपलब्ध नहीं होता था और गेंदबाजों के लिए अम्पायर का फैसला ही अंतिम होता था। इसी को लेकर पूर्व रणजी खिलाड़ी राजकुमार शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिनके मुताबिक अगर भारत के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) के समय में डीआरएस होता तो वह 1000 विकेट हासिल कर लेते।
कुंबले भारत के सबसे सफल गेंदबाज हुए और उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 619 विकेट दर्ज हैं। यह दिग्गज खिलाड़ी अपनी लाइन और लेंथ की सटीकता की वजह से बल्लेबाजों को तंग करते थे। हालांकि कई बार अम्पायर का फैसला उनके पक्ष में नहीं जाता था और उनके हाथ निराशा लगती थी।
यूट्यूब पॉडकास्ट खेलनीति पर बोलते हुए राजकुमार शर्मा ने बताया कि कैसे डीआरएस आधुनिक समय के स्पिनरों के लिए एक बड़ा फायदा बन गया है। उन्होंने कहा,
डीआरएस इन दिनों स्पिनरों के लिए एक बहुत बड़ा फायदा है। मेरे समय या निखिल के समय में, अगर गेंद बल्लेबाज के पैड से टकराती थी, जबकि वह फ्रंट फुट पर होता था, तो अंपायर हमेशा इसे नॉट आउट देता था। लेकिन डीआरएस की वजह से चीजें बदल गई हैं और अगर अनिल कुंबले के पास डीआरएस होता तो वह 1000 से ज्यादा विकेट लेते।
डीआरएस हरभजन और अनिल कुंबले दोनों के लिए फायदेमंद होता - निखिल चोपड़ा
इसी पॉडकास्ट पर मौजूद पूर्व भारतीय स्पिनर निखिल चोपड़ा भी राजकुमार की बात से सहमत नजर आये और उन्होंने उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को भी डीआरएस से फायदा होता। उन्होंने कहा,
हम इस बात पर बहुत बहस करते हैं कि अगर उस युग में हरभजन सिंह और विशेष रूप से कुंबले के लिए डीआरएस उपलब्ध होता। अनिल कुंबले ने कई बार पैड पर हिट किया है और इससे विकेटों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ जाती लेकिन इसकी तुलना करना मुश्किल होगा क्योंकि वह एक अलग युग था और यह एक अलग युग है।