भारत में बहुत सारी ऐसी क्रिकेट एकेडमी मौजूद हैं, जिन्होंने टीम इंडिया को कई दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं। उन सभी खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट टीम के हित में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसकी बदौलत भारत ने विपक्षी टीमों के खिलाफ काफी बार बड़ी जीत भी हासिल की है। आज हम ऐसी ही एक क्रिकेट अकादमी के बारे में जानेंगे, जिसनें भारतीय टीम को राहुल द्रविड़ के रूप में एक दिग्गज खिलाड़ी दिया था। बैंगलोर के सैंट जोंस हॉस्पिटल के पास बसी इम्तियाज अहमद क्रिकेट एकेडमी, जिसकी स्थापना 1987 में की गई थी। इस एकेडमी से कई सारी प्रतिभाएं उभरकर सामने आईं, लेकिन इनमें एक ऐसा नाम भी शामिल था, जिसनें हर विपक्षी टीम को अपने सामने झुकने पर मजबूर कर दिया। वह नाम है, 'राहुल द्रविड़'। टीम इंडिया की दीवार के नाम से लोकप्रिय राहुल द्रविड़, जब बल्ला लेकर क्रीज़ में टिक जाते थे, तब विपक्षी टीम का हर एक गेंदबाज़ उनका विकेट लेने के लिए तरस जाया करता था। कई मौकों पर वह लंगर डालकर खड़े हो जाते थे और लम्बी-लम्बी पारियां खेलते थे। गेंदबाज़ को जल्दी से अपना विकेट नहीं देना, उनका सबसे पहला काम होता था। स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ एक विशेष इन्टरव्यू में अहमद ने बताया "कुछ बच्चे प्रतिभा के साथ पैदा होते हैं और कुछ मेहनत करने के बाद इस क़ाबिल बनते हैं।" उन्होंने कहा "कुछ बच्चों के साथ मेहनत करनी होती है, जिससे वह एक अच्छा खिलाड़ी बन सकें।" इसके बाद उन्होंने कहा "मेरे पास एक बच्चा है, जिसनें अंडर 12 और अंडर 10 में दो मैच खेले हैं, मुझे उसके अंदर भविष्य का एक बेहतरीन खिलाड़ी नज़र आता है, लेकिन उन बच्चों में कुछ ऐसे भी हैं, जो क्रिकेट में बिलकुल अच्छे नहीं हैं, हम उनके साथ मेहनत कर रहे हैं, जिससे भारतीय टीम का बेहतरीन भविष्य तैयार हो सके।" आपको बता दें कि राहुल द्रविड़ भी इसी एकेडमी का एक हिस्सा रहे हैं, जो यहीं क्रिकेट खेलकर बड़े हुए और टीम इंडिया की दीवार बनकर सामने आए। उन्होंने इसी अकादमी में क्रिकेट के गुण सीखे और आज पूरी दुनिया उनकी बहुत बड़ी फैन भी है। जो उनकी एक झलक को बेताब रहती है।