पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री (Ravi Shastri) कई कलाओं में माहिर हैं। भारत के लिए क्रिकेट खेलने के अलावा वह भारतीय टीम के हेड कोच रह चुके हैं। उनकी कमेंट्री का हर कोई दीवाना है। लंबे समय तक कमेंट्री करने के बाद शास्त्री ने जब भारतीय टीम के हेड कोच का पद संभाला था तो शायद किसी ने सोचा होगा कि उनकी कोचिंग में भारतीय टीम इतनी सफलता हासिल करेगी।
शास्त्री ने अब एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि आप कितना भी अच्छा कर लें, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आपके असफल होने का इंतजार करते रहते हैं। शास्त्री ने कहा,
भारत जैसे देश में हमेशा जलन रहती है या फिर कुछ ऐसे लोगों का गैंग होता है जो आपके फेल होने का इंतजार करते हैं। मेरी चमड़ी काफी मोटी थी। संभवतः आप जिस ड्यूक बॉल का इस्तेमाल करते हैं उससे भी ज्यादा मोटी। आपको मोटी चमड़ी रखनी पड़ती है क्योंकि हर दिन आपको जज किया जाता है।
"आक्रामक और निर्दयी क्रिकेट खेलने का था प्लान"- शास्त्री
शास्त्री की कोचिंग में भले ही भारतीय टीम विश्व कप का खिताब नहीं जीत सकी, लेकिन क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में भारतीय टीम ने लगातार इतिहास बनाया। शास्त्री की कोचिंग में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो बार टेस्ट सीरीज जीती तो वहीं इंग्लैंड में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। खिलाड़ियों को प्रेरित करने को लेकर शास्त्री ने कहा,
हमने साफ कर लिया था कि हम आक्रामक और निर्दयी क्रिकेट खेलना चाहते हैं। हम अपने फिटनेस लेवल को टॉप पर रखना चाहते थे और ऐसे तेज गेंदबाज रखना चाहते थे जो विदेशों में 20 विकेट लेने में सक्षम हैं। खासतौर से आस्ट्रेलिया में खेलते समय सारा मामला एटीट्यूड का होता था। मैंने खिलाड़ियों से कह रखा था कि यदि कोई आपको एक गाली दे रहा है तो आप उसे पलट कर तीन दीजिए। दो अपनी भाषा में और एक उनकी ही भाषा में।