140 साल पहले पहला टेस्ट मैच प्रतिष्ठित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था, लेकिन तब से लेकर अबतक टेस्ट क्रिकेट काफी बदल चुका है। अब तक आईसीसी 10 देशों को टेस्ट खेलने की मान्यता दे चुका है। क्रिकेट का मक्का कहा जाने वाले लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड अब तक 133 टेस्ट मैचों की मेजबानी कर चुका है। हालांकि इंग्लैंड में हुआ पहला टेस्ट मैच लॉर्ड्स में नहीं खेला गया था। इंग्लैंड ने घर में अपना पहला मैच लंदन में द ओवल में खेला था। आइए एक नजर डालते हैं उन वेन्यू पर जिन्होंने टेस्ट खेलने वाले देशों के पहले इंटरनेशनल टेस्ट मैच की मेजबानी की :
#1 मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड, मेलबर्न,1877 ( ऑस्ट्रेलिया Vs इंग्लैंड) मेलबर्न में मैच-109
विश्व क्रिकेट के सबसे शानदार क्रिकेट ग्राउंड में शुमार मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड ने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच की मेजबानी की थी। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 1 लाख क्रिकेट फैंस एक साथ मैच का लुफ्त उठा सकते हैं। इस स्टेडियम की क्षमता आज भी सबसे ज्यादा है। साल 1877 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के साथ पहला टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला था। इस मैच ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज चार्ल्स बनरमैन ने शतक जड़ा था। बनरमैन 165 रन पर नाबाद थे, लेकिन अंगुली में लगी चोट के कारण वो रिटायर्ड हर्ट हुए। जब बनरमैन आउट हुए उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 240 रन था। इस लो स्कोरिंग मुकाबले में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 45 रन से मात दी। टेस्ट क्रिकेट में अब तक सबसे ज्यादा 133 टेस्ट की मेजबानी लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड ने की है। इसके बाद दूसरे नंबर पर आता है मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड जिसने 109 टेस्ट मैचों की मेजबानी की है। टेस्ट क्रिकेट के अलावा मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड ने पहले वनडे मैच की भी मेजबानी की थी। जो 1971 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड दो क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी भी कर चुका है। 1992 और 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ही खेले गए थे। #2 द ओवल, लंदन, 1872 ( इंग्लैंड Vs ऑस्ट्रेलिया) ओवल में मैच-99
ओवल में इंग्लैंड ने चौथे अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच की मेजबानी की पहले तीन अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए थे। इस मैच में इंग्लैंड ने मेहमान टीम को 5 विकेट से हराया था। इस मैच में डब्लयू जी ग्रैस ने अपने डेब्यू मैच में 152 रन की पारी खेली थी। 1872 में 8 साल पहले ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड के टाई से पहले ओवल क्रिकेट ग्राउंड ने एफए कप की मेजबानी की थी, जिसे वेंडरर्स ने जीता था। दो हजार लोगों ने इस मुकाबले को लुफ्त उठाया था। फुटबॉल और क्रिकेट के अलावा इस ग्राउंड में इंटरनेशनल रग्बी मैचों का भी आयोजन होता है। वैसे इंग्लिश क्रिकेट में ये भी पंरपरा रही है कि सीजन के आखिरी टेस्ट का आयोजन ओवल क्रिकेट ग्राउंड में ही किया जाता है। ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर 1975,1979 और 1983 के लगातार तीन वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेले जा चुके हैं। ओवल क्रिकेट ग्राउंड की क्षमता 26 हजार है। #3 सेंट जॉर्ज पार्क, पोर्ट एलिजाबेथ, 1889 पोर्ट एलिजाबेथ में मैच-27
1889 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाला सेंट एलिजाबेथ पहला ग्राउंड बना। पहला टेस्ट लो स्कोरिंग रहा। इस मैच में इंग्लैंड ने आसान जीत दर्ज की। पोर्ट एलिजाबेथ को क्रूसेडर ग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है। ये दक्षिण अफ्रीका के सबसे पुराने क्रिकेट क्लब पोर्ट एलिजाबेथ क्रिकेट क्लब का भी होम ग्राउंड है। पोर्ट एलिजाबेथ उन 15 वेन्यू में से एक है जहां पर 2003 वर्ल्ड कप के मुकाबले खेले गए थे। 2003 वर्ल्ड कप में पोर्ट एलिजाबेथ में कुल 5 मुकाबले खेले गए थे, जिसमें 3 ग्रुप स्टेज के मुकाबले एक सुपर सिक्स गेम और ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच सेमीफाइनल मैच खेला गया था। #4 लानकास्टर पार्क, क्राइस्टचर्च, 1930 (न्यूजीलैंड Vs इंग्लैंड) क्राइस्टचर्च में मैच -40
न्यूजीलैंड का क्राइस्टचर्च स्टेडियम में अब क्रिकेट मुकाबले नहीं खेले जाते। लानकास्टर पार्क बहुत सारे अंतर्राष्ट्रीय मैचों का गवाह रहा है। 1992 वर्ल्ड कप में यहां कई मुकाबले खेले गए थे। लानकास्टर पार्क में पहला इंटरनेशनल मैच 1930 में खेला गया था, जिसमें इंग्लैंड की टीम ने बाजी मारी थी। 2011 में क्राइस्टचर्च में आए भूकंप में इस क्रिकेट स्टेडियम को काफी नुकसान हुआ था और उसी की वजह से यहां पर अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले भी नहीं करवाए जाते। क्राइस्टचर्च में 2015 वर्ल्ड कप का कोई भी मुकाबला नहीं खेला गया क्योंकि क्राइस्टचर्च की जगह अब न्यूजीलैंड नए क्रिकेट ग्राउंड हेगले ओवल में क्रिकेट मैचों का आयोजन करवाता है। #5 केंसिंग्टन ओवल, ब्रिज टाउन (बारबाडोस), 1930 (वेस्टइंडीज Vs इंग्लैंड) केंसिंग्टन में मैच -40
एतिहासिक केंसिंग्टन ओवल ग्राउंड बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में हैं। इस स्टेडियम में सबसे पहला टेस्ट मैच 1930 में खेला गया था। उस समय इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। क्लीफोर्ड रोच ने उस मैच में शतकीय पारी खेली थी। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 369 रन बनाए थे। जवाब में मेहमान टीम ने एंडी संधाम के 152 रनों के बदौलत 467 रन बनाए थे हालांकि ये मैच ड्रॉ रहा था। केंसिंग्टन ओवल ग्राउंड में 80 साल से भी ज्यादा समय तक कई यादगार मुकाबले खेले गए। 2007 क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भी केंसिंग्टन ओवल ग्राउंड में ही खेला गया था। 28,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में 2007 वर्ल्ड कप के फाइनल में विस्फोटक बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट के शतक की बदौतल कंगारुओं ने चौथा क्रिकेट वर्ल्ड कप अपने नाम किया। #6 बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड, मुंबई , 1932 (भारत Vs इंग्लैंड) बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड में मैच -1 बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड ने सिर्फ 1 टेस्ट मैच की मेजबानी की ये टेस्ट मैच भारतीय क्रिकेट के यादगार टेस्ट मैचों में शुमार है क्योंकि ये भारत में खेला पहला टेस्ट मैच था 15 दिसंबर 1933 को इंग्लैंड ने पहली बार भारत के खिलाफ टेस्ट मैच खेला। इस मैच में भारतीय टीम को 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय कप्तान सी के नायडू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 219 रन पर ऑल आउट हो गई। जवाब में इंग्लिश टीम ने ब्रायन वेलेनटाइन के शतक की मदद से 438 रन ठोक दिए। दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज लाला अमरनाथ ने शतक जड़ा और टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। हालांकि उनकी ये शतकीय पारी भी इस मैच को बचा नहीं पाई इंग्लैंड के 40 रन का लक्ष्य 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया। 15,000 लोगों की क्षमता वाले इस बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड में इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के लिए कृत्रिम स्टैंड लगाए गए जिससे 50000 हजार लोगों ने ये मैच देखा। #7 बाहावाल स्टेडियम, बाहावालपुर, 1955 (भारत Vs पाकिस्तान) बाहावाल स्टेडियम में मैच-1
पाकिस्तान में पहला टेस्ट मैच बाहावाल स्टेडियम में खेला गया। हालांकि पाकिस्तान की टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच बांगाबंधु स्टेडियम में ढाका में खेला था, जो बांग्लादेश में है। भारतीय टीम पाँच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान गई थी। दूसरा टेस्ट 15,000 दर्शकों की क्षमता वाले बाहावाल स्टेडियम में खेला गया, जिसे डिरिंग स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम बाहावालपुर के दूसरे प्रधानमंत्री सर जॉन डिरिंग के नाम पर रखा गया था। बाहावाल टेस्ट के साथ –साथ बाकी चारों टेस्ट मैच भी ड्रॉ पर खत्म हुए। भारत के बॉम्बे जिमखाना ग्राउंड की तरह की बाहावाल स्टेडियम में सिर्फ 1 ही अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला गया। हालांकि यहां पर फर्स्ट क्लास मैच नियमित तौर पर खेले जाते हैं। #8 पी सारा ओवल, कोलंबो,1982 ( श्रीलंका Vs इंग्लैंड)
लंकाई शेरों की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री काफी लंबे समय बाद हुई 1955 में पाकिस्तान के बाद श्रीलंका ने कोलंबो में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। पाईकाईसोथी सारावानामत्तू स्टेडियम पी सारा स्टेडियम ओवल के नाम से जाना जाता है। इस स्टेडियम में श्रीलंका ने अपना अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला 1982 में श्रीलंका ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेसट मैच खेला जिसमें उसे 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
15,000 दर्शकों की क्षमता वाले पी सारा स्टेडियम का नाम सिविल सरवेंट और बोर्ड ऑफ कंट्रोल फोर क्रिकेट इन सायलोन के नाम पर रखा गया। पी सारा स्टेडियम ने 1994 तक अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की। इसके बाद 8 साल तक इस स्टेडियम में कोई मैच नहीं हुआ।
2002 में इस ऐतिहासिक ग्राउंड ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच खेले गए टेस्ट मैच की मेजबानी की थी इस वेन्यू पर आखिरी टेस्ट अक्टूबर 2015 में खेला गया।
#9 हरारे स्पोर्ट्स क्लब, हरारे, 1992 (जिम्बाब्वे Vs भारत ) हरारे स्पोर्ट्स क्लब में मैच -34अफ्रीका से टेस्ट क्रिकेट का दर्जा हासिल करने वाले जिम्बाब्वे दूसरा देश था। जिम्बाब्वे की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री 1983 में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान हुई। जिम्बाब्वे ने 1982 में आईसीसी ट्रॉफी जीतकर वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया था। 1992 में जिम्बाब्वे को टेस्ट टीम का दर्जा मिला था। हरारे स्पोर्ट्स क्लाब में जिम्बाब्व ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेला था। जिसमें जिम्बाब्वे को भारत से कड़ी टक्कर मिली, लेकिन आखिरकार मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ। अपने पहले टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे ने जिस तरह का खेल दिखाया वो काबिले तारीफ था। हरारे स्पोर्ट्स क्लब के अलावा बुलावायो के क्वीन्स पार्क में भी अंतर्राष्ट्रीय मैचों का आयोजन किया जाता है। अब तक हरारे स्पोर्ट्स क्लब में 34 टेस्ट मैच खेले गए हैं 2003 वर्ल्ड कप में भी 3 मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले गए थे। #10 बांगाबंधु स्टेडियम, ढाका, 2009 ( बांग्लादेश Vs भारत) बांगाबंधु स्टेडियम में मैच -17
ढाका का बांगाबंधु स्टेडियम एशियाई देशों के लिए बेहद खास है क्योंकि यहां पर नेशनल टीम ने ना सिर्फ अपने पड़ोसी देशों के साथ पहले मैच खेले बल्कि 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी भी यहीं पर हुई थी। बांग्लादेश टेस्ट क्रिकेट का दर्जा हासिल करने वाला दसवां देश है। बांगाबंधु स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच बांग्लादेश को 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उसके बाद से इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर बांग्लादेश क्रिकेट में काफी सुधार आया है। इस समय बांग्लादेश की टीम एक ऐसी टीम बन चुकी है जो बड़ी टीमों को हराने का माद्दा रखती है। बांगाबंधु स्टेडियम ने कई यादगार मैचों की मेजबानी की है, लेकिन यहां पर आखिरी मैच 2005 में खेला गया था, तब से बांग्लादेश के इस स्टेडियम को फुटबॉल मैचों के आयोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पहले इस स्टेडियम में 55000 लोगों के बैठने की क्षमता थी लेकिन इसे घटाकर 35,000 कर दिया गया है।