भारतीय क्रिकेट टीम हाल के समय में सुनहरे दौर से गुज़र रही है, टेस्ट में नंबर-1 और वनडे में दूसरे नंबर पर काबिज़ कोहली एंड कंपनी के लिए जीत अब आदत बनती जा रही है। टेस्ट में तो विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने अब तक कोई सीरीज़ नहीं हारी है।
आख़िरी बार भारत को 2014-15 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से भारतीय क्रिकेट टीम ने हर एक टेस्ट सीरीज़ अपने नाम की है। इस दौरान भारत ने दो बार बांग्लादेश और श्रीलंका को टेस्ट सीरीज़ में धूल चटाई है, जिसमें श्रीलंका को दोनों ही बार उनके घर जाकर हराया है, जबकि बांग्लादेश को एक बार उनके घर और एक बार मेज़बानी करते हुए शिकस्त दी है।
इसके अलावा घरेलू सीरीज़ में दक्षिण अफ़्रीका, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट सीरीज़ में फ़तह हासिल की तो वेस्टइंडीज़ को उन्हीं के घर में जाकर भी हराया। इतना ही नहीं विराट कोहली की कप्तानी में अब तक भारत ने 26 टेस्ट खेले हैं और उनमें से 19 मैचों में जीत हासिल की है जबकि सिर्फ़ दो मैचों में हार मिली है। इन्हीं लगातार जीतों के साथ टीम इंडिया फ़िलहाल टेस्ट में बेस्ट बनी हुई है। हालांकि भारत की असली परीक्षा इस सीरीज़ के बाद होगी जब टीम इंडिया दक्षिण अफ़्रिका के दौरे पर जाएगी।
टीम इंडिया एक तरफ़ जहां जीत के घोड़े पर सवार है तो दूसरी ओर भारत दौरे पर आई श्रीलंकाई टीम का फ़ॉर्म बेहद चिंताजनक है। परिवर्तन काल के दौर से गुज़र रही श्रीलंकाई टीम का हालिया प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। हालांकि टेस्ट मैचों में तो श्रीलंका ने अभी अभी पिछली सीरीज़ में पाकिस्तान को 2-0 से शिकस्त दी है, लेकिन उससे पहले अपने ही घर में भारत के हाथों अपने ही घर में श्रीलंका ने कंपलीट व्हाइटवॉश झेला था, जहां उन्हें टेस्ट 0-3, वनडे में 0-5 और एकमात्र टी20 में भी हार नसीब हुई थी। इतना ही नहीं श्रीलंका को सीमित ओवर क्रिकेट में पिछले 16 मैचों से लगातार हार मिल रही है, वनडे में जहां श्रीलंकाई टीम ने अपने आख़िरी 12 वनडे हारे हैं तो लगातार 4 टी20 में भी हार मिली है।
इन आंकड़ों को देखने के बाद तो यही लगता है कि ये सीरीज़ भारत के लिए काफ़ी आसान होने वाली है। लेकिन क्रिकेट की असली लड़ाई काग़ज़ पर नहीं बल्कि मैदान पर अहम होती है। हाल ही में न्यूज़ीलैंड ने भारत को जिस अंदाज़ में वनडे और टी20 में चुनौती दी थी, उसके बाद कोहली एंड कंपनी कभी भी श्रीलंका को हल्के में लेने की ग़लती नहीं करने वाली। यही वजह है कि टेस्ट सीरीज़ में टीम इंडिया ने कोई ज़्यादा प्रयोग नहीं किए हैं, और एक बार फिर कमान विराट कोहली के ही कंधों पर दी है। हालांकि इस सीरीज़ से हरफ़नमौला हार्दिक पांड्या आराम ज़रूर दिया गया है, लेकिन टेस्ट में एक बार फिर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे धुरंधरों की वापसी हो रही है।
दूसरी तरफ़ श्रीलंका के सामने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खोई साख बचाने का इससे अच्छा मौक़ा और कुछ नहीं हो सकता। रंगना हेराथ, दिनेश चंडीमल और एंजेलो मैथ्यूज़ जैसे अनुभवी खिलाड़ी भारतीय सरज़मीं पर छाप छोड़ने के लिए बेक़रार होंगे। भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ों को खेलना हमेशा से मुश्किल रहा है, ऐसे में मौजूदा दौर में 39 वर्षीय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ रंगना हेराथ श्रीलंका के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। स्पिन के लिए मददगार भारतीय पिच पर रंगना हेराथ काफ़ी असरदार साबित हो सकते हैं।
भारत को अगर अपना वर्चस्व बरक़रार रखना है तो हेराथ के ख़िलाफ़ सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी होगा। विराट कोहली को भी कई बार देखा गया है कि बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ वह असहज नज़र आते हैं। तो फिर पुणे में ऑस्ट्रेलियाई बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ स्टीव ओ’कीफ़ का जादू भी सभी को याद होगा, जब उन्होंने एक मैच में 12 भारतीय बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया था।
मतलब साफ़ है कि भले ही काग़ज़ पर इस सीरीज़ में कोहली एंड कंपनी का पलड़ा भारी नहीं बल्कि एकतरफ़ा मालूम पड़ रहा है। लेकिन मैदान पर एक सेशन में ही खेल का नख़्शा पलट सकता है, हालांकि रैंकिंग के लिहाज़ से भारत को इस सीरीज़ में हार भी नंबर-1 की कुर्सी से नहीं हिला पाएगी। मगर प्रोटियाज़ के ख़िलाफ़ उन्हीं के घर मे होने वाली सीरीज़ से ठीक पहले टीम इंडिया कहीं से भी अपने मनोबल को छोटा नहीं करने वाली।