क्रिकेट के खेल में हमने ऐसा कई बार देखा है कि जब एक खिलाड़ी की चोट या कोई घटना किसी दूसरे खिलाड़ी के लिए एक मौका बन जाती है। कुछ ऐसा ही मौका उमेश यादव (Umesh Yadav) के लिए बना है। उमेश यादव को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज (IND vs AUS) के लिए भारतीय टीम में रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल किया गया है। भारतीय टीम में लंबे समय बाद वापसी करने वाले मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) को कोरोना हो गया है और इसी वजह से वह पूरी सीरीज से बाहर हो गए हैं उनके बाहर होने के बाद बीसीसीआई ने उमेश यादव को शामिल किए जाने की पुष्टि की थी।
दाएं हाथ के अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव ने आईपीएल 2022 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया था और उसी प्रदर्शन के आधार पर शायद चयनकर्ताओं ने उन्हें दोबारा भारतीय टीम में मौका दिया है। उमेश ने केकेआर के लिए 12 मैच खेले थे और 16 विकेट अपने नाम किए थे। इस दौरान उन्होंने एक मुकाबले में 4 विकेट भी चटकाए थे।
कई लोग उमेश यादव की वापसी से काफी खुश हैं वहीं कुछ दिग्गज उनके चयन को लेकर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम उन तीन कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं जिनके आधार पर उमेश यादव कि भारतीय T20 टीम में वापसी नहीं होनी चाहिए थी।
इन 3 कारणों से नहीं होनी चाहिए थी उमेश यादव की भारतीय टी20 टीम में वापसी
#1 कई बेहतर विकल्प मौजूद
उमेश यादव के चयन के पीछे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश खान और मोहम्मद सिराज की अलग-अलग वजहों से अनुपलब्धता का हवाला दिया था। हालाँकि भारत के पास आईपीएल में प्रभावित करने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहसिन खान और उमरान मलिक जैसे गेंदबाजों का भी विकल्प था। भारत के लिए खेल चुके खलील अहमद ने भी आईपीएल 2022 में काफी अच्छा किया था लेकिन उन्हें भी नजरंदाज कर दिया।
इसके अलावा चयनकर्ता शार्दुल ठाकुर को भी चुन सकते थे, जो गेंद और बल्ले दोनों के साथ उपयोगी हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि उमेश यादव की वापसी सही नहीं है।
#2 पावरप्ले के गेंदबाज
उमेश यादव नई गेंद से काफी बेहतरीन गेंदबाज हैं और स्विंग के मामले में माहिर हैं कुछ यही काम मोहम्मद शमी भी करते थे। हालाँकि मोहम्मद शमी के पास बीच और अंतिम के ओवरों में भी विकेट निकालने की कला थी और उनके पास विविधताएं भी थी। वहीं उमेश यादव पावरप्ले के बाद उतने प्रभावशाली नहीं रहते हैं। आईपीएल 2022 में कप्तान श्रेयस अय्यर उनका स्पेल शुरू में ही करवा देते थे और बहुत कम ही उनका इस्तेमाल बीच या अंतिम चरण में करते थे।
#3 उमेश यादव का चयन एक कदम पीछे की तरफ जाना है
उमेश यादव 34 वर्ष के हो चुके हैं और इस उम्र में फिटनेस भी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। हालाँकि, तेज गेंदबाज अभी भी काफी फिट है लेकिन आगामी कुछ वर्षों में उनका करियर खत्म हो जायेगा। ऐसे में टी20 जो युवाओं का खेल है, उसमे भारत ने अनुभवी उमेश का चयन करते हुए एक कदम पीछे लेने का संकेत दिया है। उन्होंने तीन साल से कोई टी20 मैच भारत के लिए नहीं खेला है, जो दर्शाता है कि छोटे प्रारूप में वह फिट नहीं बैठते हैं। ऐसे में उनकी वापसी को सही नहीं कहा जा सकता है।