टेस्ट रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर 1 गेंदबाज अश्विन और वर्ल्ड नंबर 2 गेंदबाज जडेजा का फीका प्रदर्शन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पुणे टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स ने 7 विकेट चटकाए। पहले टेस्ट की दूसरी पारी में सभी 10 विकेट भी स्पिनर्स के ही नाम रहे। जबकि बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स ने अपनी लय बरकरार रखते हुए, 9 भारतीय बल्लेबाजों का शिकार किया। पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के स्पिनर ओ'कीफ ने भारतीय बल्लेबाजों को जमकर तंग किया। पूरे टेस्ट में 12 विकेट लेने वाले ओ'कीफ ने ऑस्ट्रेलियाई जीत का आधार रखा। हालांकि ओ कीफ को पहले सेशन में कोई विकेट नहीं मिला था, पर इसके बाद के सेशन में उन्हें छह विकेट मिले। इस दौरान चार ओवरों में उन्होंने सिर्फ पांच रन दिए। उनकी इस गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम बुरी तरह लड़खड़ा गई। इसके बाद दूसरी पारी में भी ओ कीफ ने इसी प्रदर्शन को दोहराते हुए फिर से 6 विकेट हासिल किए। जबकि पहले टेस्ट में नाथन लियोन को भी 5 विकेट मिले। भारतीय स्पिनर्स की बात करें तो अश्विन ने इस टेस्ट मैच में कुल 7 विकेट लिए। जबकि जडेजा ने 5 विकेट लिए। रन देने के लिहाज से भी अश्विन और जडेजा मेहमान टीम के दोनों स्पिनर से काफी आगे रहे। अश्विन ने पहली पारी में 63 रन जबकि दूसरी पारी में 119 रन लुटाए। जबकि जडेजा ने पहली पारी में 74 और दूसरी पारी में 65 रन दिए। अब बात स्टीव को कीफ की करें तो उन्होंने पहली और दूसरी पारी में 35-35 रन दिए, जबकि नाथन लियॉन ने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में 53 रन दिए। पुणे की रैंक टर्नर पिच पर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने सही लाइन लेंथ और हल्के टर्न के साथ गेंदबाजी की। जिससे उन्हें भारतीय धुरंधरों को एल्बीडब्यू और कैच आउट करने में आसानी हुई। वहीं पुणे टेस्ट में भारत ने 3 स्पिनर खिलाए थे। बावजूद इसके अश्विन, जडेजा और जयंत मिलकर पहली पारी में 6 ही विकेट ले पाए। जबकि दूसरी पारी में इन तीनों स्पिनर्स ने मिलकर 8 विकेट हासिल किए। पुणे की पिच रैंक टर्नर होने के चलते भारतीय गेंदबाजों को इतना ज्यादा टर्न मिल रहा था कि उनकी गेंद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के बल्ले से काफी दूर रह रही थी। जिसकी वजह से एल्बीडब्लयू के फैसले उनके हक में नहीं गए क्योंकि गेंद जितनी ज्यादा टर्न हो रही थी, वो स्टंप के उतनी बाहर जाती दिख रही थी। भारतीय स्पिनर बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भी नहीं कर पाए प्रभावित बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लयॉन ने 8 भारतीय बल्लेबाजों को चलता किया। के एल राहुल को छोड़ दिया जाए तो कोई भी बल्लेबाज उनकी फिरकी को पढ़ नहीं पाया। इसके बाद जब बारी भारतीय स्पिनर्स की आई तो रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी से बड़ी-बड़ी उम्मीीदें लगाई जा रही थीं, कहा जा रहा था कि ऑस्ट्रे लियाई टीम की अनुभवहीन बल्ले बाजी, भारतीय स्पिन जोड़ी के आगे संघर्ष करती नजर आएगी। ये माना जा रहा था कि सबसे कम टेस्टत में 250 विकेट लेकर वर्ल्डअ रिकॉर्ड बनाने वाले अश्विन तो बेहद मारक साबित होंगे, लेकिन बेंगलुरू टेस्टट में तमिलनाडु के इस ऑफ स्पिनर का प्रदर्शन फीका सा रहा। टीम इंडिया के ट्रंप कॉर्ड माने जा रहे अश्विन के मुकाबले लेग स्पिनर रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन अब तक बेहतर रहा है। बेंगलुरू टेस्टप के तीसरे दिन टीम इंडिया अगर ऑस्ट्रेालियाई पारी को 276 रन पर समेटने में सफल रही तो इसका श्रेय जडेजा के छह विकेट को जाता है। खास बात ये है कि पहले दिन जब टीम इंडिया की पारी 189 रन पर ऑल आउट हो गई थी, तब सबसे ज्यािदा उम्मी9दें अश्विन से ही लगाई जा रही थीं। पहले दिन के खेल के बाद लोकेश राहुल ने विश्वायस के साथ कहा था कि अश्विन की गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रे लियाई बल्लेाबाजी ध्व स्तव हो जाएगी। बहरहाल, अश्विन ने जहां पारी में दो विकेट लिए। वहीं जडेजा ने छह विकेट हासिल किए। जडेजा ने पारी में पांच या इससे ज्यादा लेने की उपलब्धि सातवीं बार हासिल की है। जडेजा का प्रदर्शन कुछ हदतक जरूर स्पिन डिपार्टमेंट और टीम इंडिया के लिए राहत भरा रहा। लेकिन भारतीय पिचों पर ऑस्ट्रेलियाई फिरकीबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय स्पिनर्स पर तो सवाल उठने लाजिमी हैं। पिछली टेस्ट सीरीजों में भारतीय स्पिनरों ने इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाजों की हालत खराब कर दी थी। लेकिन अब यही स्पिनर्स ऑस्ट्रेलिया के आगे उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पा रहे। साफ है दोनों टीमों के स्पिनर्स के ये आंकड़े उनके प्रदर्शन की कहानी खुद बयां कर रहे हैं। जिसमें कंगारू स्पिनर्स भारतीय स्पिनर्स से बेहतर नजर आते हैं, और ये ऑस्ट्रेलियाई स्पिन अटैक भारत पर आगे भी भारी पड़ने वाला है। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट को इस बात पर भी गौर करना होगा कि अपने घर में मारक साबित होने वाले भारतीय फिरकीबाज आखिर अबतक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाए ?