भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) के तीनों ही मैचों के तीन दिनों के अंदर खत्म होने को लेकर जो बयान दिया है, उससे हरभजन सिंह सहमत नहीं हैं। रोहित शर्मा के मुताबिक वो रिजल्ट चाहते हैं ना कि मैच ड्रॉ होते हुए देखना चाहते हैं। रोहित शर्मा ने ये भी कहा कि इस तरह की पिचों पर बल्लेबाजों को खेलने के लिए मेहनत करनी चाहिए। वहीं हरभजन सिंह का मानना है कि पिचें इस तरह की नहीं होनी चाहिए कि ढाई दिनों में ही मुकाबला खत्म हो जाए और गेंदबाजों को बिल्कुल भी मेहनत ना करना पड़े।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम स्पिन के बिछाए अपने ही जाल में फंस गई और महज ढाई दिनों के अंदर ही ये मुकाबला गंवा दिया। ऑस्ट्रेलिया टीम ने जीत के लिए मिले 76 रनों के लक्ष्य को 19वें ओवर में एक विकेट खोकर हासिल करते हुए सीरीज में अपनी पहली जीत दर्ज की।
रोहित शर्मा के बयान से हरभजन सिंह ने जताई असहमति
मुकाबले के बाद कप्तान रोहित शर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए और इस दौरान उनसे मैचों के तीन दिन में ही खत्म होने को लेकर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते हैं कि मैच ड्रॉ हो जाए और लोगों को बोरिंग लगे। हम रिजल्ट चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि बल्लेबाज इस तरह की पिच पर खेलने के लिए मेहनत करें।'
वहीं जब हरभजन सिंह से रोहित शर्मा के इस बयान को लेकर राय पूछा गया तो उन्होंने कहा 'अच्छी बात है कि रोहित शर्मा रिजल्ट चाहते हैं लेकिन मैच का रिजल्ट ढाई दिनों के अंदर ना आ जाए। गेम को पांचवें दिन तक जाना चाहिए। ऐसी पिच होनी चाहिए जहां पर गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए मेहनत करनी पड़े। यहां पर गेंदबाज मेहनत नहीं मजदूरी कर रहे थे। बल्लेबाज ही सारी मेहनत क्यों करें, गेंदबाजों को भी कुछ मेहनत करने दीजिए।'