युवा बल्लेबाज सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने अपने टेस्ट डेब्यू को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वो अपने पिता का सपना पूरा करना चाहते थे। सरफराज के मुताबिक उनका यही सपना था कि अपने पिता के जीते जी वो उनको इंडियन टीम की जर्सी में खेलते हुए दिखें। अब जाकर उनके अब्बू का और उनका सपना पूरा हुआ है।
सरफराज खान को लंबे समय के बाद इंडियन टीम की तरफ से डेब्यू का मौका मिला। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। सरफराज खान को अपना डेब्यू टेस्ट कैप टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले से मिला। अपने डेब्यू टेस्ट मैच में सरफराज ने बेहतरीन प्रदर्शन भी किया और ताबड़तोड़ अर्धशतकीय पारी खेली। सरफराज ने 66 गेंदों में 62 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। हालांकि, वह दुर्भाग्यशाली रहे और रविंद्र जडेजा की एक गलत कॉल की वजह से रन आउट हो गए। उनके इस तरह से आउट होने से रोहित शर्मा काफी गुस्से में नजर आए थे।
मुझे खुशी है कि अब्बू का सपना पूरा किया - सरफराज खान
पहले दिन के खेल के बाद सरफराज को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भेजा गया और इस दौरान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। सरफराज ने अपने डेब्यू को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
मुझे काफी अच्छा लगा। मुझे मेरा डेब्यू कैप मिला और मेरे अब्बू भी थे। जब मैं छह साल का था तबसे अब्बू ने मुझे क्रिकेट खिलाना शुरु कर दिया था और तबसे यही सपना था कि उनके जीते जी मैं एक बार उनको इंडियन टीम की तरफ से खेलते हुए दिखूं। ये मेरा उनके लिए सपना था और इसी वजह से मुझे काफी अच्छा लगा। मुझे बल्लेबाजी के लिए काफी इंतजार करना पड़ा और शुरुआत में थोड़ा मैं नर्वस था। पहले मेरे अब्बू का सपना था कि वो इंडिया के लिए खेलें लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो पाया तो उन्होंने मुझे और मेरे भाई को क्रिकेटर बनाने का फैसला किया।