भारतीय टीम में रवि शास्त्री की कोचिंग का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चर्चाएँ चल रही थी कि आगे टीम इंडिया के लिए बतौर हेड कोच काम कौन करेगा। इसके बाद बीसीसीआई ने नए कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मांगे। राहुल द्रविड़ को बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति ने मुख्य कोच नियुक्त कर दिया।
हेड कोच के अलावा स्पोर्टिंग स्टाफ का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। बल्लेबाजी कोच, गेंदबाजी कोच और फील्डिंग कोच के लिए बीसीसीआई ने आवेदन मांगे और तय प्रक्रिया के अनुसार उनका चयन किया गया। विक्रम राठौड़ ने बल्लेबाजी कोच का कार्यकाल समाप्त होने के बाद फिर से आवेदन किया और उनका चयन दूसरी बार कर लिया गया।
फील्डिंग कोच और गेंदबाजी कोच के पद भी खाली थे और गेंदबाजी कोच के लिए पारस म्हाम्ब्रे को चुना गया। जबकि फील्डिंग कोच के लिए टी दिलीप का चयन किया गया। इस तरह भारतीय टीम के सपोर्टिंग स्टाफ का चुनाव कर लिया गया।
राहुल द्रविड़ जब एनसीए के हेड थे, उस समय पारस म्हाम्ब्रे भी वहां काम कर रहे थे। वह एनसीए के साथ कई वर्षों से थे और द्रविड़ के करीबी भी हैं। ऐसे में उनका चयन गेंदबाजी कोच के रूप में होना तय माना जा रहा था। विक्रम राठौड़ ने आवेदन करने की पुष्टि की थी और कहा था कि फिर से मौका मिलता है, तो अभी और काम करना बाकी है।
रवि शास्त्री का कार्यकाल टी20 वर्ल्ड कप के साथ ही समाप्त हो गया था। इससे पहले बीसीसीआई ने नए कोच की खोज शुरू कर दी थी। सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ से इस बारे में बातचीत भी की थी। द्रविड़ ने इसके लिए सहमति जताई और आवेदन करने की अंतिम तिथि के दिन अपना फॉर्म सबमिट कर दिया। अन्य नामों के लिए फिर कोई गुंजाइश नहीं बचती थी। इस तरह भारतीय टीम के हेड कोच को चुनने का रास्ता साफ़ हुआ।