कानपुर टेस्ट (IND vs NZ) के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाज प्रभावशाली साबित नहीं हुए और कीवी बल्लेबाजों ने आसानी से रन बटोरे और पूरे दो सत्र में बिना विकेट खोये बल्लेबाजी की। ऐसे में मैच के तीसरे दिन के लिए पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को खास सलाह दी है। ओझा के मुताबिक रहाणे को गेंदबाजों को ग्रुप में बाँट देना चाहिए, जो विकेट ले सकते हों और दूसरी तरफ रन गति पर लगाम लगाएं।
न्यूजीलैंड के ओपनर्स विल यंग और टॉम लैथम ने अर्धशतकीय पारियां खेली और दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 129 रन की साझेदारी निभाकर टीम को मजबूत स्थिति की तरफ बढ़ा दिया है।
ओझा के मुताबिक सीनियर गेंदबाजों आर अश्विन और इशांत शर्मा को आक्रामक गेंदबाजी करने और विकेट लेने की कोशिश करने का काम सौंपा जाना चाहिए। बाकी के गेंदबाजी आक्रमण को रन रेट को नियंत्रण में रखकर इन दोनों का साथ देना चाहिए।
क्रिकबज पर उन्होंने कहा,
मैं रहाणे को यह तय करते देखना चाहता हूं कि उनके कौन से दो गेंदबाज रन गति पर लगाम लगाकर दवाब बनाएंगे और दो और गेंदबाज जो प्रयोग कर सकते हैं और विकेट के लिए जा सकते हैं। अगर यह साझेदारी जारी रहती है, तो खतरे की घंटी बजना शुरू हो जाएगी। रहाणे को अपने गेंदबाजों की भूमिकाओं को अलग करना होगा। मेरे लिए विकेट लेने वाले गेंदबाज इशांत शर्मा और आर अश्विन होंगे, क्योंकि कप्तान द्वारा आक्रामक गेंदबाजी करने के लिए कहे जाने पर वे कामयाब होते हैं।
उमेश यादव की गलत लाइन पर गेंदबाजी करने की आदत का जिक्र करते हुए, ओझा ने कहा कि यही कारण हो सकता है कि वह इतने लंबे समय तक टीम में रहने के अन्य तेज गेंदबाजों की तुलना में पीछे हैं। उन्होंने आगे कहा,
जडेजा और अक्षर सफल रहे हैं जब उन्हें चीजों को टाइट रखने के लिए कहा गया है। यह आलोचात्मक लग सकता है, लेकिन इतने लंबे समय तक खेलने के बाद भी, उमेश यादव की लेंथ सेट नहीं है। इसलिए, एक लम्बे समय से टीम का हिस्सा होने के बावजूद, बुमराह और सिराज जैसे नए लोग उमेश यादव से आगे निकल गए हैं। वह अपनी लेंथ के साथ निरंतर नहीं रहे हैं।
भारत ने रन रेट को नियंत्रण में रखा - प्रज्ञान ओझा
न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी की और भारत को मौका नहीं दिया लेकिन आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने काफी टाइट गेंदबाजी की तथा आसानी से रन नहीं दिए। ओझा ने इस चीज की सराहना करते हुए कहा,
भारत तीसरे सत्र में रन रेट को नियंत्रण में रखने में कामयाब रहा, यह प्रति ओवर 2 रन से कम था और इसे सकारात्मक रूप में लिया जा सकता है। भारतीय टीम ने चीजों को टाइट रखने का अच्छा काम किया। भले ही भारत को कल जल्दी विकेट न मिले, अगर वे टाइट गेंदबाजी करते रहे, तो दिन में एक समय ऐसा आएगा जब उन्हें जल्दी-जल्दी विकेट मिलेंगे। नया बल्लेबाज भी दबाव में होगा क्योंकि गेंद हरकत करना शुरू कर रही है।