कानपुर (IND vs NZ) में शानदार टेस्ट डेब्यू करने वाले दाएं हाथ के भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने ग्रीन पार्क स्टेडियम को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अय्यर ने कहा कि यह स्टेडियम उनके दिल में काफी खास जगह रखता है क्योंकि यहां पर उन्हें भाग्य का साथ और काफी अच्छे नतीजे प्राप्त हुए हैं।
गुरुवार को दिग्गज सुनील गावस्कर के हाथों अपनी डेब्यू टेस्ट कैप प्राप्त करने वाले अय्यर ने पहली ही पारी में जबरदस्त छाप छोड़ी। उन्होंने कानपुर टेस्ट के पहले 75 रन बनाकर नाबाद रहने के बाद, दूसरे दिन शानदार शतक बनाया। इस तरह वह डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले 16वें भारतीय खिलाड़ी बने।
bcci.tv पर अपने मुंबई टीम के साथी सूर्यकुमार यादव के साथ बातचीत में, श्रेयस अय्यर ने स्वीकार किया कि कानपुर उनके लिए वास्तव में एक भाग्यशाली स्थान रहा है। उन्होंने कहा,
कानपुर मेरे लिए निश्चित तौर पर लकी रहा है। मेरा पहला रणजी सीजन सूर्यकुमार की कप्तानी में था। मेरी पहली चार पारियों के बाद मेरा साथ देने के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे लगा कि मैं टीम से बाहर हो जाऊंगा। जब हम कानपुर आए थे तो हमारा भी यही हाल था। हमने 5 विकेट पर 20-30 रन बनाए और उसके बाद मैंने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ 150 रन की पार्टनरशिप की और टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया। यहां तक कि आईपीएल में भी मैंने यहां 93 रन बनाए थे। मैंने जहां भी खेला उनमें से यह सबसे भाग्यशाली मैदानों में से एक है।
श्रेयस ने 2014/15 के घरेलू सत्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। दिसंबर 2014 में कानपुर में उत्तर प्रदेश के खिलाफ एक ग्रुप मैच में, मुंबई यूपी की पहली पारी के 206 रन के जवाब में 6 विकेट पर 57 रनों पर मुश्किल में थी। इसके बाद नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने आये श्रेयस ने 78 गेंदों में 75 रनों की शानदार पारी खेली। जबकि नौवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे शार्दुल ठाकुर ने 87 रनों की पारी खेली थी। इन दोनों की पारियों की मदद से मुंबई ने 270 रन बनाये और बाद में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन की वजह से मैच भी जीता था।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे सुनील सर से कैप मिलेगी - श्रेयस अय्यर
अपनी टेस्ट डेब्यू कैप लीजेंड सुनील गावस्कर के हाथों प्राप्त करने पर श्रेयस ने हैरानी जताई। उनका मानना था कि उन्हें हेड कोच राहुल द्रविड़ डेब्यू कैप देंगे। अय्यर ने डेब्यू कैप और अपनी पारी को लेकर आगे कहा,
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे सुनील सर से कैप मिलेगी। मैंने स्पष्ट रूप से सोचा था कि राहुल सर मुझे देंगे। लेकिन, दोनों ही इस खेल के लीजेंड हैं और अगर दोनों में से किसी ने मुझे कैप दी होती तो मुझे खुशी होती। यह बहुत अच्छा अहसास है और जिस तरह से सब कुछ हुआ, मैं वास्तव में खुश था लेकिन जिस तरह से मैं आउट हुआ उससे संतुष्ट नहीं था।