सेंचुरियन टेस्ट (IND vs SA) के तीसरे दिन भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammd Shami) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और वह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट लेने वाले तेज गेंदबाजों की सूची में शामिल हो गए और ऐसा करने वाले पांचवें भारतीय तेज गेंदबाज बने। शमी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया और याद किया कि कैसे उनके पिता ने वर्ल्ड क्रिकेट में उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई। शमी ने कहा कि वह अपने पिता के समर्थन के बिना इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाते।
मोहम्मद शमी ने मैच के तीसरे दिन जबरदस्त गेंदबाजी की और शुरू से ही बल्लेबाजों पर दबाव बनाये रखा और 44 रन देकर 5 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। शमी की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 197 रन पर समेट दी।
उत्तर प्रदेश के अल्मोड़ा जिले के सहसपुर से आने वाले शमी ने कहा कि उन्होंने यह जानते हुए भी क्रिकेट को अपना लिया कि उनके गांव में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं। शमी ने कहा कि उनके पिता, जिनका 2017 में निधन हो गया, उन्हें हर दिन 30 किमी साइकिल पर एक कोचिंग कैंप में ले जाते थे और अपने बेटे को जीवन में जो चाहिए वो देने के लिए, उन्होंने बहुत त्याग किया।
अपने पिता को श्रेय देना चाहता हूं - मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी ने अपने पिता को सभी कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद उनका समर्थन करने का श्रेय दिया। शमी ने कहा,
मैं आज जो कुछ भी हूं, मेरे पिता ने मुझे बनाया है। मैं ऐसे गाँव से आता हूं जहां बहुत सुविधाएं नहीं हैं और आज भी वहां सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। फिर भी, मेरे पिता मुझे कोचिंग कैंप में ले जाने के लिए 30 किमी साइकिल चलाते थे और वह संघर्ष मुझे आज भी याद है। उन दिनों और उन परिस्थितियों में, उन्होंने मुझमें निवेश किया और मैं हमेशा के लिए आभारी हूं।
200 टेस्ट विकेट लेने की उपलब्धि पर बात करते हुए शमी ने आगे कहा,
जब आप रैंक में ऊपर आ रहे हों और अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हों, तो कोई भी यह सपना नहीं देख सकता कि वह आखिरकार क्या हासिल कर सकता है। आपका सपना भारत का खिलाड़ी बनना और उनके साथ खेलना है जिन्हें आपने टीवी पर देखा है।
आप केवल इतना कर सकते हैं कि कड़ी मेहनत करें और यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं तो आपको परिणाम मिलना तय है।