भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) को अब प्लेइंग 11 में मौका मिलने में ज्यादा दिक्कतें नहीं होने वाली हैं। विहारी पिछले कई सालों से टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उन्हें निरंतरता के साथ अंतिम एकादश में मौका नहीं मिला है। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज (IND vs SL) में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के ना होने से मौका मिलना तय है। भारत-श्रीलंका के टेस्ट सीरीज के आगाज से ठीक पहले भारतीय टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर (R Sridhar) ने हनुमा विहारी के साथ हुए एक दिलचस्प किस्से को साझा किया।
श्रीधर ने बताया कि विहारी टीम के हित को लेकर हमेशा आगे रहते हैं जिसमें उन्हें अपनी जगह गंवाने की भी फिक्र नहीं रहती। श्रीधर ने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज को याद करते हुए विहारी को लेकर खुलासा किया कि किस तरह उन्होंने टीम को पहले रखा।
क्रिकबज के साथ बात करते हुए आर श्रीधर ने बताया,
उस वाइजैग टेस्ट के दौरान, मुझे याद है कि वह मेरे पास आया था और कहा कि सर, मुझे यह टेस्ट नहीं खेलना चाहिए था। हनुमा ने वह टेस्ट खेला था क्योंकि उसने जमैका (वेस्टइंडीज दौरे पर) के आखिरी टेस्ट में शतक बनाया था। भारत में, कुछ संयोजन के साथ हम खेलते हैं। हमने वो टेस्ट मैच पांचवें दिन जीता था लेकिन हमें वहां तक पहुंचाने के लिए शमी ने शानदार काम किया था।
उन्होंने आगे कहा,
सर, अगला टेस्ट मुझे नहीं खेलना चाहिए। हमें एक अतिरिक्त गेंदबाज के साथ खेलना चाहिए क्योंकि जिस तरह से हम बल्लेबाजी कर रहे हैं, हमें छह बल्लेबाजों की जरूरत नहीं है। उस सीरीज में रोहित जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे थे, मयंक उस समय शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और यह उनका भारत में पहला टेस्ट भी था। हनुमा जानते थे कि टीम का कप्तान हमेशा टीम को अपने से आगे रखेगा।
खेल की अच्छी समझ रखते हैं हनुमा - आर श्रीधर
हनुमा विहारी के खेल की बात करते हुए आर श्रीधर ने कहा,
हनुमा खेल के एक बेहतरीन रीडर हैं। तकनीकी रूप से, वह उन सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं जिन्हें मैंने देखा है, उनके पास खेल की इतनी अच्छी समझ है। यहां तक कि भारतीय टीम के साथ, जब वह रिजर्व में थे, तो वह बहुत ही अच्छे तकनीकी विचारों के साथ आते थे। मेलबर्न (2018 में) में, जब रवि (शास्त्री) ने उनसे कहा कि आपको ओपनिंग करनी पड़ सकती है, तो उन्होंने अपना हाथ ऊपर रखा और कहा, कि कोई दिक्कत नहीं। मैं खेलूंगा। वह खेल को समझते हैं, जानते हैं कि क्या टीम को चाहिए और मैंने उसे खेलने के अवसर न मिलने से घबराते नहीं देखा।