"जयदेव उनादकट भी यही करते थे"- धीमी गेंदों के अधिक प्रयोग पर हर्षल पटेल को लेकर आई तीखी प्रतिक्रिया 

हर्षल पटेल के पास विविधता की कमी दिखी
हर्षल पटेल के पास विविधता की कमी दिखी

भारतीय तेज गेंदबाज हर्षल पटेल (Harshal Patel) की ताकत उनकी मिश्रण भरी धीमी गति की गेंदे रही हैं लेकिन कभी-कभी उनके पास अन्य विविधता नहीं दिखती है। कुछ ऐसा ही हमने श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज (IND vs SL) में भी देखा। विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) का मानना है कि हर्षल का अधिक मात्रा में धीमी गेंदें डालना उनकी गेंदबाजी की प्रभावशीलता को कम करेगा।

श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने डेथ ओवर्स में हर्षल पटेल को निशाना बनाया और बड़े शॉट खेले। इस मैच में हर्षल काफी महंगे साबित हुए और 4 ओवर में 52 रन खर्च कर दिए।

शर्मा ने खेलनीति पॉडकास्ट पर हर्षल को लेकर कहा,

हर्षल अधिक मात्रा में धीमे गेंदों का प्रयोग कर रहा है। जयदेव उनादकट भी ऐसा ही कर रहे थे, जिससे उनका अनुमान लगाया जा सकता था जिसके कारण बल्लेबाज उन्हें अच्छी तरह से पढ़ पाए और उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सके। हर्षल को विविधताओं में इसे मिलाना होगा। वह वास्तव में अच्छे से धीमी गेंद करता है। लेकिन हर टीम वीडियो विश्लेषण करती है और जब तक गेंदबाज कुछ बदलाव नहीं करेंगे, वे खुद को मुश्किल में पाएंगे।

रवि बिश्नोई को भी विविधता की जरूरत है -राजकुमार शर्मा

राजकुमार शर्मा का मानना है कि हर्षल पटेल की तरह युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई भी एक ही तरह की गेंदबाजी करते हैं। उन्हें भी अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा,

रवि बिश्नोई अपनी गुगली और फ्लिपर पर अधिक निर्भर करते हैं। एक बार जब बल्लेबाज उसे पढ़ना शुरू करेंगे और जानने कि यह अधिकतर गुगली करता है, तो उन्हें दिक्कत नहीं होगी। टी20 क्रिकेट में विविधताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा राजकुमार शर्मा ने अन्य तेज गेंदबाजों को जसप्रीत बुमराह का उदाहरण लेने की बात कही है, जो डेथ ओवर्स में कमाल की गेंदबाजी करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि हर्षल सुधार करेंगे और इससे भारतीय क्रिकेट को फायदा होगा।

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Edited by Prashant Kumar