भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए पहले वनडे मुकाबले (IND vs WI) में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) एक बार फिर से पहले की तरह विकेट चटकाते हुए दिखाई दिए और बेहतरीन गेंदबाजी की। चहल के शानदार प्रदर्शन के बाद पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा की प्रतिक्रिया आई है, जिनका मानना है कि हालिया समय में चहल पर अनावश्यक दबाव बनाया गया है। उनके मुताबिक, युजवेंद्र चहल सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में भारत के प्राइमरी स्लो गेंदबाज हैं और उन्हें बार-बार प्लेइंग इलेवन से बाहर करना सही नहीं है।
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर वनडे सीरीज के दौरान चहल की आलोचना हुई थी लेकिन इस स्पिनर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में 49 रन खर्च करते हुए 4 विकेट चटकाए। शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया।
मैच के बाद ईएसपीएन क्रिकइंफो चहल के प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए चोपड़ा ने कहा,
जब भी आप भारत के लिए खेल रहे होते हैं तो हमेशा दबाव होता है। लेकिन चहल पर यह दबाव, मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक फैशन में गढ़ा गया है। आप किसी खिलाड़ी की टीम में जगह पर सवाल क्यों उठाएंगे जबकि वह पिछले 3-4 सालों से आपका प्रमुख स्पिनर है? अचानक, आप उसे पर्याप्त नहीं खिलाते हैं, वह विकेट नहीं लेता है और वह दबाव महसूस करता है।
44 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा,
युजवेंद्र चहल के लिए सफेद गेंद के स्तर पर यह सिर्फ एक अन्य मैच की तरह होना चाहिए। वह अभी भी आपका प्राइमरी स्पिनर है, उसने पर्याप्त विकेट लिए हैं और उसने विंडीज के बल्लेबाजों के चारों तरफ जाल बुनकर एक बार फिर दिखाया।
जब दूसरे छोर से विकेट गिर रहे होते हैं, तो चहल एक अलग गेंदबाज नजर आते हैं - आकाश चोपड़ा
इस मैच में चहल के अलावा, वापसी कर रहे वॉशिंगटन सुंदर ने भी कमाल की गेंदबाजी और महज 30 रन खर्च करते हुए मेहमान टीम ने तीन बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। चोपड़ा ने बताया कि चहल तब और खतरनाक हो जाते हैं जब कोई गेंदबाज दूसरे छोर पर विकेट ले रहा हो। पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज ने कहा,
वॉशिंगटन सुंदर शानदार थे और जब दूसरे छोर पर विकेट गिर रहे होते हैं, तो युजवेंद्र चहल पूरी तरह से एक अलग गेंदबाज होते हैं। जेसन होल्डर ने वेस्टइंडीज को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाया लेकिन 176 का स्कोर कभी भी पर्याप्त नहीं होने वाला था, भले ही पिच गेंदबाजों के अनुकूल थी।
चोपड़ा ने आगे कहा कि अहमदाबाद की पिच गेंदबाजों के लिए मददगार थी और इस तरह की धीमी पिचें वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को रास नहीं आती हैं।